Mathura: एक ओर जहां लोग हिंदू-मुस्लिम और मंदिर-मस्जिद की बात कर रहे हैं। समुदाय विशेष के लोगों को भड़काकर देश में उपद्रव करना चाहते हैं। वहीं दूसरी ओर हिंदू मुस्लिम एकता की मिशाल पेश करते हुए अकील सहारनपुरी मथुरा सहित पूरे बृज का भ्रमण कर रहे हैं। अकील सहारनपुरी ना सिर्फ भगवान कृष्ण की नगरी मथुरा, कृष्ण क्रीड़ा स्थली वृंदावन और पालन भूमि गोकुल सहित पूरे बृज का भ्रमण करेंगे, बल्कि कृष्ण की लीलाओं का अध्यन भी करेंगे।
हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल
अकील सहारनपुरी कृष्ण लीलाओं के अध्यन के साथ समाज में एक छाप भी छोड़ने का काम करेंगे। पिछले लंबे समय से अकील सहारनपुरी हिन्दू-मुस्लिम एकता का अलख जगाते हुए जगह-जगह लोगों को दोनों धर्मों के प्रति सचेत करने का काम कर रहे हैं। हिंदू मुस्लिम भाई-चारे और सद्भावना के लिए भी लोगों को एक कर मिलाने में लगे हैं। अकील सहारनपुरी ये दावा है कि वो पिछले 25 सालों से भी अधिक समय से हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने हिंदू मुस्लिम की कई बातों को सुलझाया है।
मंदिरों में करेंगे दर्शन
अकील सहारनपुरी भगवान कृष्ण की खोज में मथुरा पहुंचे हैं। जहां वो मथुरा वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर, श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर, गोकुल मंदिर, गोवर्धन पर्वत परिक्रमा राधा रानी मंदिर बरसाना सहित सभी प्रमुख मंदिरों में दर्शन भी करेंगे। इस दौरान उन्होंने दोनों धर्म के लोगों को एक साथ रहने का सलाह भी दिया। मथुरा में बीजेपी के अल्पसंख्यक संवाद कार्यक्रम में भी अकील सहारनपुरी ने भाग लिया। उन्होंने इस दौरान दोनों धर्म के लोगों से एक-दूसरे से विवाद नहीं करने की अपील की। उन्होंने कहा कि हमारी पद्धति अलग-अलग हो सकती है, लोगों हम दोनों धर्म और कर्म को मानने वाले लोग हैं। दोनों धर्मों में अगर सबसे बड़ी समानता है तो वो है मानवता की।
विवादों को बैठकर सुलझाने की सलाह
अकील सहारनपुरी ने कहा कि अभी दोनों धर्मों के बीच कुछ जगहों को लेकर विवाद है, जिसमें काशी और मथुरा शामिल है। उन्होंने कहा कि दोनों धर्म के गुरुओं को बैठकर इसका हल निकालना चाहिए। इस मौके पर अकील सहारनपुरी का लोगों ने माला और पटका पहनाकर स्वागत किया। साथ ही उन्हें स्मृति चिन्ह भी सम्मान के रूप में भेंट किया गया।