Noida: नोएडा से रिटायर्ड मेजर जनरल से 27 अगस्त को डिजिटल अरेस्ट करके 2 करोड़ की ठगी करने का मामला सामने आया था। जिसमें शातिरों ने रिटायर्ड मेजर जनरल को मनी लांड्रिग केस में फंसाने के नाम पर ब्लैकमेल किया और दो करोड़ की रकम हड़प ली थी। अब पुलिस को इस मामले में बड़ी सफलता हाथ लगी है, पुलिस ने राजस्थान से तीन शातिरों को गिरफ्तार कर लिया है। गैंग का मुख्य सदस्य बीती 2 अक्टूबर को मुंबई पुलिस के हत्थे चढ़ चुका है।
पुलिस ने राजस्थान से तीन शातिरों को किया गिरफ्तार
रिटायर्ड मेजर जनरल से डिजिटल अरेस्ट करके दो करोड़ की ठगी करने वाले तीन शातिरों को शुक्रवार को नोएडा पुलिस ने राजस्थान से अरेस्ट किया। इस मामले में नोएडा पुलिस की साइबर क्राइम नोएडा पुलिस और लोकल इंटेलिजेंस ने काफी मदद की। डीसीपी नोएडा साइबर क्राइम प्रीति यादव ने बताया कि मामले में तीन लोगों की गिरफ्तारी हुई है। जिनकी पहचान कानाराम गुर्जर (30 साल) पुत्र स्व. बदरीनारायण गुर्जर, ललित कुमार ( 22 साल) पुत्र नरेंद्र सिंह ( 30 साल) और सचिन कुमार पुत्र घनश्याम को गिरफ्तार किया है। तीनों राजस्थान के रहने वाले हैं।
रिटायर्ड मेजर जनरल से की थी दो करोड़ की ठगी
शातिरों ने इसी साल 27 अगस्त को नोएडा सेक्टर-31 निवासी रिटायर्ड मेजर जनरल से दो करोड़ की ठगी की थी। जिसके खिलाफ नोएडा गौतमबुद्धनगर के थाना साइबर क्राइम थाने पर अभियोग पंजीकृत कराया गया था। रिटायर्ड मेजर जनरल ने पुलिस को बताया था कि साइबर अपराधियों ने अपने साथियों के साथ मिलकर वादी से डीएचएल कोरियर सर्विस का कर्मचारी बनकर धोखाधड़ी की। शातिरों ने मोबाइल और आइडी का प्रयोग करके मनी लांड्रिंग केस में साइबर क्राइम मुंबई द्वारा जांच कराने की धमकी दी थी। पीड़ित ने बताया कि साइबर अपराधी ने खुद को डीसीपी राजपूत बताया था, जोकि फर्जी था। शातिरों ने एफ.डी. ब्रैक कर धनराशि को फर्जी बैंक खाते में जमा कराई थी।
शातिरों ने बताया अपना पूरा प्लान
पकड़े गए शातिरों ने बताया कि रिटायर्ड अधिकारी को कॉल करके खुद पुलिस अधिकारी बनकर उसको स्काइप काल के माध्यम से डिजीटल अरेस्ट कर समझौता कराने के नाम धोखाधडी की। ये लोग धोखाधडी की रकम को जनपद जयपुर, जोधपुर के अधिकतर पीजी में तैयारी कर रहे विधार्थीयों/रेस्टोरेन्ट आदि पर काम करने वाले व्यक्तियों से संपर्क कर उन्हें कमीशन के नाम पर धनराशि देते है और उनसे बैक खाते से संबंधित सिम और एटीएम के माध्यम से कैश लेते थे। इस गैग के अहम सदस्य राजकुमार पुत्र गोपाल सिंह को मुंबई पुलिस ने 2 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था।
साइबर अपराध से बचना है, तो ध्यान रखें ये बातें
- पुलिस किसी को भी फोन काल पर डिजिटल अरेस्ट नहीं करती है।
- आरबीआई या किसी अन्य संस्था द्वारा फिजिकल मनी का आपके खाते से सत्यापन नहीं किया जाता है।
- ऐसा कोई सरकारी बैंक खाता या आरबीआई का SSA (Secret supervision account) खाता नहीं है जिसमें आपसे पैसे ट्रांसफर कराकर उस पैसे की जाँच की जाती हो।
- इस तरह से सीबीआई अधिकारी, साइबर अधिकारी, आरबीआई या किसी अन्य संस्था का अधिकारी बनकर आपके पास फोन काल/ इंटरनेट skype/ zoom/ विडियो काल आती है और जांच के नाम पर पैसे को ट्रांसफर किए जाने हेतु कहा जाता है या मनीलांड्रिग के केस का भय दिखाया जाता है तो तुरंत 1930 पर काल करें।