नोएडा की थाना सेक्टर 63 पुलिस ने भोले-भाले लोगों से मुद्रा फाइनेंस कंपनी के नाम पर ठगी करने वाले 9 लोगों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए 9 आरोपियों में से 7 लोग जिला महबूबनगर तेलंगाना के रहने वाले हैं।
नोएडा और दिल्ली से पकड़े गए आरोपी
एडीसीपी सेन्ट्रल नोएडा हृदेश कठेरिया ने मीडिया से बातचीत में बताया कि शुक्रवार को एक सूचना पर नोएडा के ग्राम बसई सेक्टर-70 नोएडा, डी पार्क सेक्टर-63 नोएडा, और द्वारिका मोड दिल्ली 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें शिव कुमार निवासी नालंदा बिहार और गैंग सरगना शेखर यादव द्वारका मोड़ नई दिल्ली के रहने वाले है, जबकि बाकी 7 रवि सागर, कुरूमुर्ति, प्रकाश कुमार, श्रीकांत, राजशेखर और साई कुमार थाना वन टाउन, जिला महबूबनगर, तेलंगाना के रहने वाले हैं।
लैपटॉप, फोन और लाखों का कैश बरामद
एडीसीपी सेन्ट्रल नोएडा हृदेश कठेरिया ने बताया कि इन अभियुक्तों के कब्जे से 2 लैपटॉप, 16 स्मार्ट फोन, 8 कीपैड फोन, 16 कापियां 1 पेन एवं साइबर ठगी कर कमाये गये 5 लाख 26 हजार रुपये की नकदी बरामद की गई है। पकड़े गए आरोपी सेक्टर 70 और दिल्ली के द्वारका में कॉल सेंटर चलाते थे। वहां से ये लोग ऑनलाइन लोगों से संपर्क कर उन्हें लोन दिलवाने का आश्वासन देते थे प्रोसेसिंग फीस आदि के नाम पर यह लोग पीड़ितों से मोटी रकम अपने खाते में डलवा लेते थे, बाद में उनकी रकम हड़प लेते थे।
शिकार हुई महिला से मिली जानकारी
पुलिस ने बताया कि एक महिला नोएडा जोकि सेक्टर 68 में रहती है। महिला ने थाना सेक्टर 63 पुलिस से शिकायत में बताया कि एक व्यक्ति ने उसके पास आकर बताया कि पत्नी की तबियत बहुत खराब है, उसने अपने मित्र से पैसे मंगाये हैं लेकिन उसका बैंक खाता न होने के कारण वो उसे रुपये नहीं भेज पा रहा है, जिसपर महिला द्वारा व्यक्ति के कहने पर पैसा अपने खाते में मंगवा लिया। मनी ट्रांसफर की दुकान में जाकर व्यक्ति के खाते में पैसा डाल दिया। कुछ समय बाद महिला का खाता फ्रीज होगा। जब इसकी जानकारी महिला को मिली, तो वह बैंक पहुंची। जहां पता चला कि 5 मई को उसके खाते में फ्रॉड का पैसा आया था। जिसके बाद साइबर क्राईम पुलिस बिहार द्वारा उसका खाता फ्रीज किया गया है।
धोखाधड़ी कर कमाएं लाखों रुपए
पकड़े गए 9 आरोपियों से शुरुआती पूछताछ से पता चला है कि फ्रॉड के पैसों का 12 प्रतिशत खाताधारक को, 40 प्रतिशत कॉल करने वाले को और बाकी का 48 प्रतिशत पैसा अभियुक्त शेखर यादव व मुख्य अभियुक्त शिवकुमार के पास रह जाता था। आरोपियों के कब्जे से जो लाखों रुपए बरामद हुए हैं, वो आनलाईन ठगी के हैं, जो उन्हें आपस में बांटने थे। मुद्रा फाईनेंस कंपनी के नाम पर इसी तरह इन लोगों ने लाखों कमाएं हैं।