महाकुंभ 2025: हिंदू धर्म के सबसे बड़े आयोजन महाकुंभ में इस बार ‘रबड़ी बाबा’ का अनोखा सेवा भाव श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है। श्री महंत देवगिरि, जिन्हें लोग प्यार से ‘रबड़ी बाबा’ कहते हैं, महाकुंभ के संगम तट पर हर दिन सुबह 8 बजे से लेकर देर रात तक दूध से रबड़ी बनाते हैं। उनकी बनाई रबड़ी श्रद्धालुओं में प्रसाद के रूप में वितरित की जाती है, जो भक्तों के बीच काफी लोकप्रिय हो रही है।
देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु करेंगे स्नान
महाकुंभ, जो हर 12 साल में आयोजित होता है, करोड़ों लोगों की आस्था का प्रतीक है। इस साल उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित हो रहे महाकुंभ में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु संगम पर स्नान और धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेने पहुंचे हैं। साधु-संतों और बाबाओं का समागम इस मेले की विशेषता है, और इसी समागम में रबड़ी बाबा की उपस्थिति ने लोगों का ध्यान खींचा है।
मलाईदार रबड़ी का श्रद्धालु उठाते हैं लुत्फ़
श्री महंत देवगिरि हर दिन सुबह से रात तक दूध उबालकर मलाईदार रबड़ी तैयार करते हैं। यह रबड़ी भक्तों को प्रसाद के रूप में दी जाती है, जिसे लोग बड़े चाव से ग्रहण करते हैं। बाबा ने बताया कि वे 9 दिसंबर से महाकुंभ में हैं और उनकी यह सेवा 6 फरवरी तक जारी रहेगी। उन्होंने कहा, “रबड़ी बनाने का विचार मुझे 2019 में आया था। यह केवल लोगों की सेवा के लिए है, कोई पब्लिसिटी स्टंट नहीं। यह कार्य देवी महाकाली के आशीर्वाद से प्रेरित है।”
कपिल मुनि और देवताओं को पहले लगाते है भोग
रबड़ी बाबा पहले रबड़ी का भोग कपिल मुनि और अन्य देवताओं को लगाते हैं, उसके बाद ही इसे श्रद्धालुओं में वितरित किया जाता है। बाबा का कहना है कि हजारों लोग उनकी रबड़ी का स्वाद ले रहे हैं और उनकी सेवा से आनंदित हो रहे हैं। बाबा ने महाकुंभ में आने वाले सभी श्रद्धालुओं को आमंत्रित किया है कि वे आकर उनकी बनाई रबड़ी का स्वाद लें और इस अनूठे सेवा कार्य का हिस्सा बनें।
रबड़ी बाबा की निस्वार्थ सेवा
बाबा का निस्वार्थ सेवा भाव महाकुंभ में एक नई मिसाल कायम कर रहा है। उनकी इस पहल ने महाकुंभ के श्रद्धालुओं के दिलों में एक विशेष स्थान बना लिया है, और उनके इस प्रयास को लेकर लोग बेहद प्रसन्न हैं।