उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा को लेकर पूरे देश में बयानबाजी का दौर जारी है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने संभल में जिस मस्जिद को सर्वे को लेकर बवाल हुआ था, उस कार्रवाई पर रोक लगा दिया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का मुस्लिम धर्मगुरुओं ने स्वागत करते किया है। सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत से संभल जामा मस्जिद मामले पर सुनवाई न करने को कहा है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने प्रशासन को कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने की भी हिदायत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट जाने को कहा है। कहा कि अब हाईकोर्ट के निर्देश पर ही कोई कार्रवाई हो सकेगी।

निचली अदालत के फैसले पर जताई आपत्ति
दरअसल मस्जिद समिति ने सुप्रीम कोर्ट ने याचिका दायर कर मस्जिद का सर्वे कराने के निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी थी। इस पर मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने याचिकाकर्ताओं से पूछा कि वह उच्च न्यायालय क्यों नहीं गए। पीठ ने कहा कि यह मामला उचित मंच पर उठाया जाना चाहिए। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कुछ अहम निर्देश दिए।  जिनके मुताबिक निचली अदालत को इस मामले पर सुनवाई करने से रोक दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निचली अदालत के फैसले से उन्हें कुछ आपत्तियां हैं। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई उच्च न्यायालय द्वारा किए जाने का निर्देश दिया है। साथ ही सर्वोच्च अदालत ने उच्च न्यायालय से याचिका दायर होने के बाद तीन दिनों में याचिका पर सुनवाई करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि सर्वे कार्रवाई की रिपोर्ट सील बंद लिफाफे में पेश किया जाए।

हिंसा में चार युवकों की हुई थी मौत
बता दें कि 24 नवंबर को जिला कोर्ट के आदेश पर पुलिस फोर्स के साथ अधिकारी शाही जामा मस्जिद का दोबारा सर्वे करने पहुंचे थे। सर्वे के बाद जब टीम बाहर निकल रही थी तभी बवाल शुरू हो गया था। इस दौरान जमकर पत्थरबाजी और फायरिंग हुई थी। इस बवाल में चार मुस्लिम युवक की मौत हो गई थी।

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