नोएडा और ग्रेटर नोएडा की सोसाइटियों को जिला प्रशासन की ओर ने फरमान जारी किया गया है. इसके तहत नोएडा और ग्रेटर नोएडा की सोसायटियों की आरडब्ल्यूए और एओए से लिफ्ट का रजिस्ट्रेशन जल्द कराने को कहा है. सोसाइटियों द्वारा अगर तय समय के अंदर रजिस्ट्रेशन नहीं कराया जाता है तो 10 हजार रुपये के जुर्माना से लेकर लिफ्ट का संचालन बंद करने तक की भी कार्रवाई की जा सकती है. बता दें कि प्रदेश सरकार की ओर से 25 सितंबर को लिफ्ट एवं एस्क्लेटर अधिनियम लागू कर दिया गया था. उसके बाद जिले के डीएम ने जिला स्तरीय समिति का गठन करके 29 अक्टूबर को सूरजपुर स्थित कलेक्ट्रेट में समिति की बैठक में निर्णय लिया गया कि सभी लिफ्ट का रजिस्ट्रेशन कराना होगा. मगर अब तक जिले में एक भी लिफ्ट या एस्क्लेटर का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है.
जल्द से जल्द कराना होगा लिफ्ट का रजिस्ट्रेशन
फर्म्स, सोसायटीज एवं चिट्स गाजियाबाद के डिप्टी रजिस्ट्रार ऋषभ कुमार अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि सार्वजनिक व निजी कैंपस में भी लिफ्ट और एस्क्लेटर का रजिस्ट्रेशन कराना है. इसके लिए यूपी लिफ्ट और एस्क्लेटर अधिनियम 2024 एवं यूपी लिफ्ट एवं एस्क्लेटर नियमावली 2024 बनाई गई है. इसके तहत इनका रजिस्ट्रेशन स्थानीय सहायक निदेशक, विद्युत सुरक्षा करेंगे. नियमावली के अनुसार नियमों का पालन करना पड़ेगा. इसके लिए जिले के सभी एओए एवं आरडब्ल्यूए व रजिस्टर्ड संस्था के पदाधिकारियों को जल्द से जल्द ये रजिस्ट्रेशन कराना होगा. जनपद की ग्रुप हाउसिंग सोसायटियों, सेक्टर सहित बड़े मॉल, ऑफिस में आए दिन लिफ्ट में लोगों के फंसने की घटनाएं सामने आ रही हैं. ऐसे में लोगों को खुद की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में लिफ्ट एक्ट बनाया गया था.
30 दिन से अधिक की देरी पर बंद हो जाएगी लिफ्ट
अपर जिला अधिकारी वित्त एवं राजस्व अतुल कुमार ने बताया कि जिलाधिकारी की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश लिफ्ट और एस्क्लेटर अधिनियम 2024 के प्रावधानों के तहत जिले में गठित समिति की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में की जा चुकी है. एक्ट में प्रावधान है कि 6 माह के अंदर रजिस्ट्रेशन कराना होगा. वहीं 6 माह के बाद सात दिन तक 100 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से लेट फीस ली जाएगी. 8 से 15 दिन तक की देरी पर पहले दिन से 200 रुपये प्रति दिन का विलंब शुल्क लगाया जाएगा. 16 से 30 दिन तक पूरी अवधि के लिए 500 रुपये प्रति दिन का विलंब शुल्क लगाया जाएगा. 30 दिन से अधिक की देरी होने लिफ्ट या एस्क्लेटर का संचालन तत्काल बंद करा दिया जाएगा. साथ ही 10 हजार रुपये की पेनाल्टी भी लगाई जाएगी. नियमों का पालन करने के बाद ही लिफ्ट को चालू होने दिया जाएगा.
हादसा होने पर लिफ्ट के संचालकों पर होगी कार्रवाई
इसके अलावाा कोई भी हादसा होने पर लिफ्ट के संचालकों पर कार्रवाई करने का प्रावधान भी एक्ट में है. मेंटिनेंस व दुर्घटना होने पर लिफ्ट के संचालक जिम्मेदार होंगे. आरडब्ल्यूए,अपार्टमेंट ओनर्स असोसिएशन और बिल्डर प्रबंधन को कलेक्ट्रेट परिसर में एडीएम फायनेंस के दफ्तर में आना होगा. अभी ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए पोर्टल पूरी तरह से तैयार नहीं हुआ है. जिसको ध्यान में रखते हुए शुरूआती दौर में लोगों की सहूलियत के लिए ऑफलाइन प्रकिया रखी गई है. इसके साथ ही रजिस्ट्रेशन से जुड़े काम की निगरानी को लेकर विद्युत सुरक्षा विभाग के सहायक निदेशक को नोडल अधिकारी भी नियुक्त कर दिया गया है.