नोएडा प्राधिकरण ने नोएडा क्रिकेट स्टेडियम का संचालन करने वाली कंपनी पर बड़ी कार्रवाई की है। दरअसल प्राधिकरण ने साल 2021 में स्टेडियम के संचालन की जिम्मेदारी फिजिकल एजुकेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया को सौंपी थी। ये जिम्मेवारी 15 साल के लिए लाज पर दी गई थी। सेक्टर-21 ए नोएडा स्टेडियम परिसर में क्रिकेट स्टेडियम फ्लड लाइट न लगाने, दर्शकों के बैठने के लिए सीट न लगाने और अनुरक्षण कार्य ठीक से न करने के कारण कार्रवाई की गई है। साथ ही कंपनी की तरफ से स्टेडियम से होने वाली आय बढ़ाने के लिए भी कोई प्रयास नहीं किए जा रहे थे। ऐसे में सुविधाएं विकसित न होने पर प्राधिकरण की तरफ से स्टेडियम का संचालन करने वाली फर्म फिजिकल एजुकेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया की लीज रद्द कर दी गई है।
कंपनी की लापरवाही पर प्राधिकरण हुआ सख्त
कंपनी की तरफ से लगातार बरती जा रही लापरवाही को देखते हुए प्राधिकरण ने यह सख्त कदम उठाया है। जरूरी सुविधाएं विकसित नहीं होने से स्टेडियम का पूरी तरह से उपयोग नहीं हो पा रहा है, जबकि स्टेडियम के संचालन के साथ सुविधाओं का विकास कराना लीज का हिस्सा था। वहीं कंपनी को लीज मिलने के तीन वर्ष बीत जाने के बाद भी कंपनी ने इस दिशा में कोई काम नहीं किया। ना ही किसी बड़ी प्रतियोगिता का आयोजन हो सका। जिसके बाद प्राधिकरण ने सख्त रुख दिखाते हुए कंपनी को 5 जून तक का अल्टीमेटम दिया था। अल्टीमेटम मिलने के बाद भी कंपनी की ओर से लापरवाही बरती गई। जिस कारण प्राधिकरण ने ये सख्त कदम उठाया। इसके अलावा जल्द ही फर्म को ब्लैक लिस्ट करने की कार्रवाई भी हो सकती है।
दो माह में नई कंपनी का होगा चयन
नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डॉ. लोकेश एम ने जानकारी देते हुए बताया कि व्यवस्थाओं को दुरुस्त न किए जाने और आय में बढ़ोत्तरी केके लिए कोई प्रयास न किए जाने के कारण पूर्व में चेतावनी दी गई थी। अल्टीमेटम दिए जाने के बाद निर्धारित समय में व्यवस्था को दुरुस्त न किए जाने पर कंपनी की लीज को रद्द कर दिया गया है। दो माह में नई कंपनी का चयन क्रिकेट स्टेडियम के संचालन के लिए किया जाएगा। आपको बता दें कि संचालन करने वाली कंपनी की तरफ से किराया पर स्टेडियम दिया जाता है। क्लब स्तर तक के ही मैच यहां पर होते हैं। तीन वर्षों में एक भी ऐसी प्रतियोगिता नहीं हो पाई, जिससे इस क्रिकेट स्टेडियम को पहचान मिल सके, या बड़े खिलाड़ियों का यहां आना-जाना हो सके। वहीं करीब 400 करोड़ रुपये खर्च कर बनाए गए अंतरराष्ट्रीय स्तर के क्रिकेट स्टेडियम में बेहतर इंफ्रा होने के बावजूद रणजी स्तर के मैचों की भी मेजबानी नहीं हो सकी। स्टेडियम केवल शौकिया मैचों का आयोजन स्थल बनकर रह गया है।