ग्रेटर नोएडा में जगह-जगह अवैध होर्डिंग बोर्ड और एलइडी स्क्रीन्स की भरमार है. ग्रेटर नोएडा वेस्ट में जगह-जगह अवैध होल्डिंग बोर्ड और एलइडी स्क्रीन्स लगी हुई हैं. मगर प्रशासन की ओर से इन अवैध होर्डिंग्स पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. सबसे ज्यादा अवैध होर्डिंग्स ग्रेटर नोएडा वेस्ट में लगाई जा रही हैं. फिर वो चाहे हिंडन नदी के किनारे हो, गौड़ सिटी के आसपास के एरिया में या फिर मेन रोड पर हर जगह आपको अवैध होर्डिंग नजर आ जाएंगी.
अधिकारियों की मिलीभगत से लगाई जा रही अवैध होर्डिंग
सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से ये अवैध होर्डिंग लगाई जा रही हैं. जब प्राधिकरण की टीम अवैध होर्डिंग हटाने पहुंचती है तो अवैध होर्डिंग लगाने वालों को पहले ही जानकारी मिल जाती है. जिससे ये लोग बच जाते हैं. इससे अधिकारी और अवैध होर्डिंग बोर्ड लगाने वालों का गठजोड़ बना रहता है.
प्राधिकरण की एडवरटाइजिंग पॉलिसी का हो रहा उल्लंघन
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एडवरटाइजिंग पॉलिसी की मानें तो होर्डिंग बोर्ड पर दोनों साइड विज्ञापन नहीं लगाया जा सकता है. प्राधिकरण द्वारा जितना एरिया विज्ञापन लगाने के लिए दिया गया है. सिर्फ उसी एरिया पर विज्ञापन लगाया जा सकता है लेकिन ग्रेटर नोएडा में इस नियम का उल्लंघन भी खुलेआम किया जा रहा है. ग्रेटर नोएडा वेस्ट में कई जगह बड़ी-बड़ी एलइडी स्क्रीन्स रोड साइड में बिल्डरों ने लगाई हैं. जिनसे रोड पर चलने वाले ट्रैफिक का ध्यान भंग होता है और रोड एक्सीडेंट्स का खतरा बना रहता है.
एलईडी लाइटों से चालकों का होता है ध्यान भंग
ये एलईडी लाइटें गौर सिटी गोल चक्कर, एक मूर्ति गोल चक्कर और हनुमान मंदिर गोल चक्कर, परी चौक आदि के पास में लगी हैं. एलइडी लाइट की वजह से रोड पर चलने वाली गाड़ी और बाइकों के चालकों का ध्यान भंग होता है. इन एलईडी स्क्रीन पर विज्ञापन चलाए जाते हैं. सूत्रों की मानें तो ये एलईडी स्क्रीन्स बिना ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की परमिशन के लगाई गई है. बिल्डरों द्वारा लगाई गई इन एलईडी स्क्रीन से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को विज्ञापन राजस्व की हानि हो रही है.