भारत सरकार की ओर से देश की जनता के लिए बहुत सारी योजनाएं चलाई जाती हैं. जिसका फायदा देश के करोड़ों लोगों को मिलता है. अलग-अलग लोगों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए सरकार ये योजनाएं लेकर आती है. देखा जाए तो भारत में अभी भी बहुत से लोग ऐसे हैं, जो कच्चे मकानों में अपना जीवन यापन कर रहे है. कई लोगों के पास खुद का घर नहीं है. इनमें से कई लोगों तो ऐसे होते हैं जिनके पास इतने रुपये भी नहीं होते, कि वह अपने कच्चे घर को पक्के घर में तब्दील करा सकें. इस तरह के लोगों की भारत सरकार द्वारा मदद की जाती है.
साल 2015 में हुई थी पीएम आवास योजना की शुरुआत
इसके लिए भारत सरकार ने साल 2015 में प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत की थी. इस योजना के तहत भारत सरकार की ओर से गरीब जरूरतमंद लोगों को पक्का मकान दिलवाने में मदद की जाती है. वहीं इस योजना के तहत भारत सरकार करोड़ों लोगों को फायदा पहुंचा भी चुकी है. इस योजना का लाभ लेने वालों के लिए भारत सरकार ने कुछ पात्रताएं तय की हैं. उसी आधार पर लोगों को सरकार फायदा दे रही है. इस योजना में जरूरतमंदों को ही लाभ दिया जाता है लेकिन कई लोग ऐसे भी होते हैं जो अपात्र होकर भी लाभ ले लेते हैं.इसमें बहुत से लोग धोखाधड़ी करके और फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करके योजना में लाभ ले लेते हैं. जो कि गैरकानूनी है ऐसा करने पर सजा हो सकती है.
धोखाधड़ी करने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई
भारत सरकार अब इस तरह के लोगों का पता लगाने में जुट गई है. जो धोखाधड़ी करके योजना का लाभ उठा रहे हैं. अगर कोई भारतीय नागरिक प्रधानमंत्री आवास योजना में धोखाधड़ी करके गलत डॉक्यूमेंट लगाकर लाभ पाता है. तो ऐसे शख्स को सरकार जो मदद देती है, उस मदद के पैसे वसूल लेती हैं. यानी कि मान किसी ने फर्जी दस्तावेज लगाकर आवास योजना में लाभ ले लिया. तो उसने जितने रुपये का लाभ लिया है वह रुपये उसे वापस करने होंगे. वहीं अगर ये धोखाधड़ी बड़े पैमाने पर की जाती है. तो फिर सरकार ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए जेल भी भेज सकती है. हालांकि इसका कोई प्रावधान नहीं है पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज करके सरकार ऐसे लोगों को जेल भेज सकती है. इसलिए योजना में फर्जीवाड़ा करके या धोखाधड़ी करके लाभ न लें.