नोएडा पुलिस को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. पुलिस ने लोगों की जान से खिलवाड़ करने वाले दो आरोपियों को धर दबोचा है. दरअसल पुलिस ने नामी आयुर्वेदिक दवा कंपनी के नाम का इस्तेमाल करके और नकली दवाएं बनाकर बाजार में बेचने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. दोनों आरोपियों को फेज वन थाने की पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार किया. दोनों आरोपी भाई हैं. साथ ही पुलिस ने आरोपियों की फैक्ट्री से भारी मात्रा में नकली दवाई व अन्य सामान बरामद किया गया है. वहीं बरामद की गई नकली दवाइयों की कीमत करीब 35 लाख रुपये बताई जा रही है.
सेक्टर-10 में खोल रखी थी आरोपियों ने फैक्ट्री
दरअसल, मुरादाबाद निवासी अजीजुल हसन ने पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि वह आयुर्वेदिक दवा कंपनी नमन इंडिया का प्रोपराइटर है. उसकी कंपनी टाइगर किंग प्रोडक्ट का उत्पादन करती है. कंपनी ट्रेडमार्क ऐक्ट व उत्तर प्रदेश आयुर्वेदिक विभाग के तहत रजिस्टर्ड है. शिकायतकर्ता का आरोप था कि उनकी कंपनी में पूर्व में काम करने वाला अनीस अहमद नमन इंडिया में बनने वाले टाइगर किंग प्रोडक्ट आदि से मिलती-जुलती दवा को सेक्टर-10 में अवैध तरीके से बनाकर बेच रहा है. सूचना के आधार पर फेज वन थाने की पुलिस ने ड्रग निरीक्षक गौतमबुद्ध नगर को साथ लेकर सेक्टर-10 स्थित फैक्ट्री पर छापा मारा. इस दौरान यहां बड़ी संख्या में कंपनी के प्रोडक्ट से मिलते जुलते रैपर, होलोग्राम व बड़ी संख्या में दवाई व अन्य सामान बरामद हुआ. पुलिस ने इसके बाद आरोपी अनीस अहमद और उसके भाई मोहम्मद शमी को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी ने बताया कि वह टाइगर किंग प्रोडक्ट से मिलते-जुलते उत्पाद बनाकर उसे बाजार में बेच रहे थे.
आरोपियों के मोबाइल और लैपटॉप खंगालने में जुटी पुलिस
थाना प्रभारी ने बताया कि आरोपी दवाई बनाने संबंधित कोई लाइसेंस नहीं दिखा पाए. दोनों आरोपियों के खिलाफ कॉपीराइट एक्ट के अलावा विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है. मुख्य आरोपी अनीस पूर्व में नमन इंडिया कंपनी का कर्मचारी था. वहीं से उसने दवा बनाने के तरीके की जानकारी ली, जो लखनऊ से वांछित भी चल रहा है. आरोपियों के पास से बरामद लैपटॉप और मोबाइल के डाटा का अध्ययन किया जा रहा है. पुलिस को आशंका है कि मोबाइल और लैपटॉप में उन ग्राहकों और थोक विक्रेता की जानकारी होगी, जो आरोपियों से नकली दवा खरीद रहे थे. अब तक नकली दवा कहां-कहां बिकी इसकी भी जानकारी मिल सकती है. शिकायतकर्ता का कहना है कि जब वह सेक्टर दस स्थित आरोपियों की फैक्ट्री पर पहुंचा तो वहां कई महिलाओं सहित अन्य लोग दवा बनाने और पैकेजिंग के काम में लगे हुए थे. हालांकि पूछताछ करने के बाद पुलिस ने महिलाओं सहित अन्य कर्मचारियों को जाने दिया. पुलिस ने वहां ताला लगाकर सारे माल को कब्जे में ले लिया गया है.