नोएडा के जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सोमवार को पहली फ्लाइट की टेस्टिंग सफलतापूर्वक हो गई. एक प्लेन इस एयरपोर्ट के रनवे पर उतरा और टेकऑफ भी हुआ. ये टेस्टिंग पूरी तरह सफल साबित हुई. जिस एयरलाइंस कंपनी के प्लेन की एयरपोर्ट पर टेस्टिंग हुई, वह देश की सबसे बड़ी लो कॉस्ट एयरलाइन है. देखा जाए तो हवाई सफर करने वाली काफी यात्री इस कंपनी के प्लेन में यात्रा करना पसंद करते हैं. जिस कंपनी के प्लेन ने जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर लैंडिंग की, उसका नाम है इंडिगो. इंडिगो 18 साल पुरानी कंपनी है. इसकी स्थापना 4 अगस्त 2006 को हुई. ये एक लो कॉस्ट एयरलाइन है. यानी इसमें यात्रा करने की टिकट दूसरी एयरलाइंस के मुकाबले काफी सस्ती होती हैं.
2006 में दो दोस्तों ने की इंडिगो की शुरुआत
इंडिगो की शुरुआत दो दोस्तों राहुल भाटिया और राकेश गंगवाल ने साल 2006 में की थी. राहुल दिल्ली के रहने वाले हैं जबकि उनके दोस्त राकेश अमेरिका में रहते हैं. इंडिगो शुरू करने से पहले गंगवाल कई बड़ी एयरवेज कंपनियों में काम कर चुके थे. ऐसे में उन्हें इस सेक्टर को लेकर काफी अच्छी नॉलेज थी. वैसे तो इंडिगो की शुरुआत साल 2004 में तब ही हो गई थी जब इन्होंने इंडिगो की पेरेंट कंपनी इंटरग्लोब एविएशन की शुरुआत 2004 में की. उस समय देश की एविएशन इंडस्ट्री भारी नुकसान से जूझ रही थी. इसके बावजूद दोनों दोस्तों ने इस सेक्टर में उतरने की ठानी. साल 2004 में ही कंपनी को एयरलाइन शुरू करने का लाइसेंस मिल गया था.
2004 में लाइसेंस मिलने के बाद भी नहीं शुरू हुईं उड़ानें
साल 2004 में लाइसेंस मिल जाने के बाद भी कंपनी साल 20006 तक अपनी उड़ानें शुरू नहीं सकी थी. ऐसा इसलिए क्योंकि कंपनी के पास कोई विमान नहीं था. यहां गंगवाल ने अपने नेटवर्क का फायदा उठाते हुए अपनी जान-पहचान के चलते कंपनी को एयरबस से 100 विमान उधारी पर दिलाए. इसके बाद चार अगस्त 2006 से कंपनी ने अपनी उड़ान शुरू की. कंपनी की पहली उड़ान दिल्ली से गुवाहाटी होते हुए इंफाल के लिए शुरू हुई थी.
एविएशन इंडस्ट्री के मुश्किल दौर में इंडिगो ने बनाई साख
जिस समय इंडिगो की शुरुआत हुई तब एविएशन इंडस्ट्री मुश्किल दौर से गुजर रही थी. साथ ही कई बड़ी कंपनियां भी मार्केट में मौजूद थीं. ऐसे में इन बड़ी कंपनियों के बीच अपनी पहचान बनाना इंडिगो के लिए बड़ा सवाल था. इसका समस्या का हल निकालते हुए कंपनी ने सस्ती दरों पर टिकट बेचने शुरू किए. इससे कंपनी को भारी मात्रा में यात्री मिले और नुकसान भी बेहद कम हो गया. जब से इंडिगो शुरू हुई है, उसके बाद कई एयरलाइंस बंद हो गईं थीं. जिसका कारण ये था कि इन एयरलाइंस को चलाना काफी महंगा हो रहा था. वहीं दूसरी ओर इंडिगो लगातार ऊंचाइयां छूती रही और आज भारतीय एयरलाइंस में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी इंडिगो की ही है. जो कि 50 फीसदी से ज्यादा है. बता दें कि इंडिगो की उड़ान देश के लगभग सभी प्रमुख शहरों के लिए मौजूद है. हाल के समय में कंपनी के पास करीब 400 विमान हैं. कंपनी रोजाना 123 जगहों के लिए दो हजार से ज्यादा फ्लाइट ऑपरेट करती है. कंपनी विदेश की यात्रा के लिए भी सर्विस मुहैया कराती है.