यूपीएससी में अपनी मेहनत और लगन से वरदाह खान ने 18वां स्थान हासिल किया है। वरदाह ने अपने दूसरे प्रयास में ही वरदाह खान ने ऑल इंडिया 18वीं रैंक हासिल की है। वरदाह की 12वीं तक की पढ़ाई इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश से हुई और उसके बाद उन्होंने बीकॉम ऑनर्स खालसा कॉलेज दिल्ली यूनिवर्सिटी से किया. फिर आठ महीने केपीएमजी ऑर्गनाइजेशन में काम किया। उसके बाद से वरदाह यूपीएससी की तैयारी कर रही हैं। वरदाह अपनी पढ़ाई और सफलता का श्रेय अपनी मां को और अपने स्कूल के दोस्तों को देती है। वहीं वरदाह खान ने NOW NOIDA से एक खास बातचीत की आइए आपको बताते हैं कि वरदाह ने कैसे ये मुकाम हासिल किया
2021 से शुरू हुई यूपीएससी की तैयारी
वरदाह की मानें तो इस एग्जाम की तैयारी के लिए मेरी तैयारी 2021 में शुरू हुई थी। 2021 में मैंने अपनी जॉब से इस्तीफा दिया था और तभी मैंने ऑनलाइन कोचिंग की शुरुआत की थी. मैंने एक पूरे साल तैयारी की और 2022 में पहला अटेम्पट दिया तब मेरा प्रीलिम्स भी नहीं निकला इसके अलावा वो मेरे लिए एक सबक भी था और एक मौका भी था कि जो मेरी आधी-अधूरी तैयारी थी मेन्स की तो वो मैं और बेहतर कर सकूं और 2023 के लिए 2022 के एग्जाम ने मुझे एक मौका दिया. मेरा रिजल्ट उम्मीद से बेहतर रहा है। क्योंकि कोई भी प्रतियोगी जब तैयारी करता है तो उसे यही उम्मीद होता है कि हमारा नाम आ जाए। लेकिन टॉप 20 में रैंक लाने के बारे में मैंने सोचा भी नहीं था . तो जाहिर सी बात है कि मेरे लिए रिजल्ट उम्मीद से बेहतर है.
सोशल मीडिया का पॉजिटिव इस्तेमाल कर यूपीएससी की तैयारी की
वरदाह खान ने बताया कि उन्होंने सोशल मीडिया का पॉजिटिव इस्तेमाल कर यूपीएससी की तैयारी की पहले प्री निकाला, फिर मेंस और इंटरव्यू में भी अच्छे नंबर हासिल कर ऑल इंडिया 18वीं रैंक हासिल की है। वरदाह खान का कहना है कि उनकी प्राथमिकता फॉरेन सर्विसेज में है। ट्रेनिंग प्राप्त कर वह ऐसे काम करेंगे जिससे भारत देश की छवि विश्व में और ज्यादा चमक सके। उन्होंने 8 से 9 घंटे पढ़ाई कर यह मुकाम हासिल किया है। यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के दौरान उनके परिवार जनों और दोस्तों का भी काफी सहयोग रहा। जो उन्हें समय-समय पर मोटिवेट करते रहे। आपको बता दें कि मूल रूप से प्रयागराज की रहने वाली वरदाह खान ने दसवीं और बारहवीं की परीक्षा प्रयागराज से ही की। वही उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया। कुछ महीने कॉर्पोरेट में काम करने के बाद सिविल सर्विसेज में जाने का मन बनाया और अपने दूसरे ही प्रयास में उन्होंने ऑल इंडिया 18वीं रैंक हासिल कर ली।
तैयारी में सबसे बड़ी चुनौती होता है कॉम्पिटीशन
इस एग्जाम की तैयारी में सबसे बड़ी चुनौती तो यही होती है कि इतना ज्यादा कॉम्पिटीशन होता है तो वो देख के भी हम डर जाते हैं कि पता नहीं होगा या नहीं। दूसरा हम पूरी तरह से आइसोलेटेड होते हैं हमें सोशल मीडिया से भी दूरी बनानी पड़ती है। तो ये रास्ता एक समय के बाद काफी मुश्किल लगने लगता है। खुद को मोटिवेटेड रखना बहुत मुश्किल लगने लगता है. ऐसे समय में हमें उन लोगों को देखना चाहिए जो पुराने रैंक होल्डर्स हैं। पुराने रैंक होल्डर्स रोल मॉडल की तरह हैं. तो उन्होंने भी बहुत सारी एक्टिविटी बताई हैं कि कैसे हम ब्रेक कर सकते हैं अपने आप को छोटे टारगेट में, दूसरी चीजों के लिए भी समय निकाल सकते हैं.
परिवार की ओर से मिला पूरा सहयोग- वरदाह
वरदाह ने बताया कि मुझे परिवार की ओर से किसी भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा. मैंने घर पर रहकर ही बड़े आराम से तैयारी की. मैं इस दौरान घर के कामों में भी हाथ बंटाती थी लेकिन किसी भी तरह का घरवालों की ओर से दबाव नहीं था उन्होंने मुझे काफी टाइम दिया अपनी स्पेस दी तैयारी करने की। जहां तक बात है मेरी मां की तो उन्होंने मुझे काफी इनकरेज किया कि तुम अपनी पढ़ाई पर ध्यान दो बाकी चीजों का हम ख्याल रख लेंगे।
यूपीएससी की तैयारी कर रहे प्रतियोगियों के लिए वरदाह का खास संदेश
यूपीएससी की तैयारी कर रहे प्रतियोगियों के लिए वरदाह ने को दो संदेश दिए। पहला तो खुद पर बहुत भरोसा होना चाहिए क्योंकि अगर हम खुद पर आत्मविश्वास नहीं रखेंगे तो कोई और भी हमारी काबिलियत पर विश्वास नहीं करेगा। दूसरा ये कि अपनी तैयारी को लेकर काफी ईमानदार रहना चाहिए क्योंकि अगर हमें कोई टॉपिक काफी अच्छे से समझ आ गया या मॉक टेस्ट में हमारे अच्छे नंबर आ गए तो हम काफी ओवर कॉन्फिडेंट हो जाते हैं या पढ़ाई को लेकर केयर लेस हो जाते हैं.
माइंड चेंज करने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल बेहतर
वरदाह का कहना है कि सोशल मीडिया के गुण भी हैं और अवगुण भी हैं क्योंकि जो सोशल मीडिया की रील कल्चर है इसमें काफी समय बर्बाद होता है. सोशल मीडिया पर पुराने रैंक होल्डर्स अपनी स्ट्रैटजी, रिसोर्सेस शेयर करते हैं तो उससे हमें वो हेल्प मिल सकती है. इसके अलावा करेंट अफेयर्स वैसे तो हम पढ़ते ही हैं स्टडी मटेरियल में लेकिन सोशल मीडिया से हमें पता चलता है कि कहां क्या हो रहा जो कि अवेयरनेस के लिए काफी अच्छा है और दूसरा जब हमारा पूरा दिन बीतता है पढ़ाई में तो जाहिर सी बात है 8-9 घंटे के बाद माइंड चेंज करने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल बेहतर है लेकिन हमें इसका समय निर्धारित करना चाहिए
इंटरव्यू के समय दो-तीन सिविल सर्वेंट्स ने काफी मुझे मोटिवेट किया
वरदाह ने बताया कि इंटरव्यू की स्टेज में दो-तीन सिविल सर्वेंट्स ने काफी मुझे मोटिवेट किया जिनमें पिछले साल के मोईन अहमद, आयशा फातिमा और प्रेक्षा अग्रवाल से भी मेरी बात हुई थी तो इंटरव्यू के समय मुझे इनसे काफी हेल्प मिली थी.