ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने ग्रुप हाउसिंग सोसाइटियों में अल्ट्रासोनिक वाटर मीटर लगाने का निर्णय लिया है। ये निर्णय पानी की बर्बादी रोकने के लिए किया गया है। जल विभाग ने इस योजना पर काम भी शुरू कर दिया है। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सेक्टर- 1 स्थित वेलेंसिया होम्स और सेक्टर 10 स्थित अरिहंत सोसाइटी में वाटर मीटर लगाया गया है। एक माह तक ट्रायल चलेगा। ट्रायल सफल रहने पर इसे अन्य सोसाइटियों में भी लगाया जाएगा।

अब मीटर लगाकर रोकी जाएगी पानी की बर्बादी
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण गिरते भूजल स्तर को रोकने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। प्राधिकरण सिंचाई के लिए एसटीपी के पानी का इस्तेमाल कर रहा है। गंगाजल से पेयजल आपूर्ति की जा रही है। वहीं अब मीटर लगाकर पानी की बर्बादी रोकने के लिए कदम बढ़ाया है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने जल विभाग को पानी की बचत के लिए सभी बल्क वाटर यूजर्स (ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी) के यहां पानी के मीटर लगाने के निर्देश दिए हैं।

DRDO और IIT चेन्नई ने मिलकर तैयार किया वाटर मीटर
ग्रेटर नोएडा में 300 से अधिक सोसाइटियां हैं। फिलहाल वेलेंसिया होम्स व अरिहंत सोसाइटी में यह अल्ट्रासोनिक वाटर मीटर लगाया गया है। एक महीने के परीक्षण के बाद इसे अन्य सोसायटियों में लगाने का निर्णय लिया जाएगा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ आशुतोष द्विवेदी ने बताया कि ये मीटर बैटरी से चलेंगे। इसमें सिम कार्ड सेंसर लगा होगा, जिससे रियल टाइम डाटा प्राधिकरण को प्राप्त हो सकेगा, जिससे रियल टाइम मॉनिटरिंग हो सकेगी। इसे डीआरडीओ और आईआईटी चेन्नई ने मिलकर तैयार किया है।

सीईओ एनजी रवि कुमार ने लोगों से की अपील
धारा नाम की कंपनी इस वाटर मीटर को लगा रही है। इससे पानी के खर्च के हिसाब से बिल भी प्राप्त हो सकेगा। इससे लोग पानी जरूरत के हिसाब से खर्च करेंगे। पानी की बर्बादी रुकेगी। अभी एरिया के हिसाब से पानी का बिल जमा होता है। इससे पहले भी वाटर मीटर लगाने का प्लान बना, लेकिन मीटर को बिजली कहां से मिलेगी, यह परेशानी सामने आ रही थी। वहीं ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने ग्रेटर नोएडावासियों से पानी की बचत करने की अपील की है।

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