अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर अब 5 फरवरी को वोटिंग होगी जबकि 8 फरवरी को इस सीट के नतीजे आएंगे, बता दें चुनाव आयोग ने दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों के साथ ही मिल्कीपुर में होने वाले उपचुनाव को लेकर तारीख का ऐलान किया है, ये सीट बीजेपी के लिए बेहद अहम मानी जा रही है क्योंकि इस सीट की कमान खुद CM योगी ने संभाली हुई है जिसकी चर्चा यूपी से लेकर दिल्ली तक छाई हुई है इतना ही नहीं CM योगी के साथ साथ सरकार के कई मंत्रियों की फौज भी इस सीट को लेकर चुनावी बिसात बिछा रही है, वहीं अखिलेश ने भी रणनीति के साथ बीजेपी को मात देने की तैयारी की है.
अखिलेश खेलेंगे PDA फॉर्मूले वाला दांव
माना जा रहा है कि अखिलेश PDA फॉर्मूले के जरिए बीजेपी को घेरने की रणनीति बना रहे हैं साथ ही मिल्कीपुर सीट पर वो खुद नजरें गढ़ाएं हुए है, हालांकि अखिलेश के PDA फॉर्मूले की काट बीजेपी ने भी ढूंढ ली है जिसके बारे में आपको आगे बताते हैं लेकिन उससे पहले आपको बता दें UP की मिल्कीपुर विधानसभा सीट सपा के सांसद अवधेश प्रसाद के इस्तीफे के बाद से सीट खाली पड़ी हुई थी, हाल ही में UP की 9 सीटों पर उपचुनाव संपन्न हुए थे, लेकिन अयोध्या की मिल्कीपुर सीट का मामला कोर्ट में होने के कारण चुनाव नहीं हो पाया था, लेकिन अब रास्ता साफ हो गया है, जिसके बाद बीजेपी और सपा दोनों ने ही यहां पर पूरी ताकत झोंकी हुई है. बता दें मिल्कीपुर सीट पर सपा और बीजेपी के बीच कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद है क्योंकि सपा ने सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत को कैंडिडेट बनाया है. वही बीजेपी ने 6 मंत्रियों को चुनाव प्रचार के लिए मैदान में उतारा है.
BJP ने उतारी मंत्रियों की फौज
रिपोर्ट्स की मानें तो BJP ने मंत्री जेपीएस राठौर और MLC धर्मेंद्र सिंह के साथ ही स्वतंत्र देव सिंह, सतीश शर्मा, गिरीश यादव और मयंकेश्वर सिंह की एक और टीम भी लगाई है. ये सभी मंत्री अयोध्या जिले के प्रभारी मंत्री सूर्य प्रताप शाही के साथ मिलकर काम कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ सपा की तरफ से यहां से पूर्व विधायक और अयोध्या के वर्तमान सांसद अवधेश प्रसाद और अखिलेश ने इस सीट की कमान अपने हाथों में ली हुई है।
क्यों अहम है मिल्कीपुर सीट ?
दरअसल इस सीट पर BJP ‘बंटेगे तो कटेंगे’ नारों के जरिए दिखाएगी दम जबकि सपा PDA जैसे नारों पर कर सकती है भरोसा, बता दें अवधेश प्रसाद के सांसद बनने पर खाली ये सीट खाली हुई है.
BJP-सपा ने झोंकी ताकत !
अब यहां अहम सवाल ये भी है कि आखिर क्योंकि बीजेपी ने इस सीट पर जोर लगाया हुआ है दरअसल बीजेपी मिल्कीपुर सीट जीत कर सपा से अपना फैजाबाद सीट हार का बदला पूरा करना चाहती है, जबकि सपा उपचुनाव की हार का बदला बीजेपी से मिल्कीपुर में लेकर हिसाब बराबर करना चाहेगी. फिलहाल ये सीट अयोध्या से जुड़ी होने के नाते सबकी निगाहें मिल्कीपुर उपचुनाव पर टिकी हैं, क्योंकि इस पर जीत हार देश की राजनीति पर असर डालेगी. उपचुनाव के नतीजों को 2027 विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है. ऐसे में मिल्कीपुर सीट पर जीत दर्ज करना सपा और बीजेपी के लिए बेहद जरूरी है.