Greater Noida: नोएडा और ग्रेटर नोएडा में विभिन्न मांगों को लेकर किसानों के प्रदर्शन रोकने के लिए सीएम योगी ने समिति का गठन किया है। मुआवजे सहित अन्य मांगों को प्रमुख सचिव अवस्थापना की अगुवाई में 5 सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। जिसमें पीयूष वर्मा, संजय खत्री ACEO नोएडा और सौम्य श्रीवास्तव ACEO ग्रेटर नोएडा, कपिल सिंह ACEO YEIDA सदस्य हैं. समिति अध्यक्ष राजस्व परिषद अनिल सागर की अध्यक्षता में गठित कमेटी की अनुशंसाओं पर रिपोर्ट एक सप्ताह में देगी।
गौरतलब है कि संयुक्त किसान मोर्चा, भारतीय किसान परिषद और किसान मजदूर मोर्चा के नेतृत्व में पश्चिम उत्तर प्रदेश के करीब 5 हजार किसानों ने सोमवार को दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर प्रदर्शन किया था। किसान दिल्ली जाना चाहते थे लेकिन प्रशासन ने आश्वासन देकर रोक लिया था। इसके बाद किसान एक सप्ताह का समय देते हुए दलित प्रेरणा स्थल पर डेरा डाल दिया था। इसी बीच मंगलवार को पुलिस ने दलित प्रेरणा स्थल से 100 से अधिक किसानों को हिरासत में ले लिया था।
मुआवजे को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसान
1997 से 2008 के बीच सरकार की ओर से किए गए जमीन अधिग्रहण से जुड़ी मुख्य मांग है। किसानों का कहना है कि आवासीय और इंडस्ट्रियल एरिया डेवलप बनाने के लिए जो जमीन किसानों की ली गई है, उसका 10% प्लॉट के रूप में डेवलप किया जाए और मूल स्वामित्व वाले किसानों को दिया जाए। इसके साथ मुआवजे में 64% बढ़ोतरी हो। किसानों का कहना है कि जो जमीन सरकार की ओर से अधिग्रहित की गई थी, वो वर्तमान में जमीन के भाव से चार गुना कम है।
आश्वासन के बाद मांगें नहीं मानने पर आंदोलित हुए किसान
दरअसल, साल की शुरुआत में ही भारतीय किसान परिषद के सुखबीर खलीफा जैसे किसान नेताओं ने वेस्ट यूपी के किसानों को मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था। कई किसान संगठनों ने इसका समर्थन किया। फरवरी 2024 में नोएडा के दलित प्रेरणा स्थल पर धरना भी दिया। तब योगी सरकार ने किसानों ने उनकी समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया था। लेकिन मांगें पूरी नहीं होने पर किसान आंदोलन शुरू कर दिया है।