गाजियाबाद के नंदग्राम इलाके से व्यापारी का अपहरण किया गया था। व्यापारी की खोजबीन के लिए पुलिस ने कड़ी मशक्कत की थी। व्यापारी का फोटो सोशल मीडिया के कई प्लेटफार्म पर वायरल हुआ, इस सब के बावजूद व्यापारी का कहीं पता नहीं लग पा रहा था। पुलिस भी इस पूरे घटनाक्रम के खुलासे के लिए, टीमें गठित कर चुकी थी। अब बस इंतजार था कि कहीं कोई सुराग हाथ लगे।
फिर जब गाजियाबाद पुलिस को जैसे ही सुराग हाथ लगा, तो गाजियाबाद पुलिस पूरी तरह से एक्टिव हो गई। पुलिस ने इस अपहरण और उसके बाद हत्याकांड को अंजाम देने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया। फिर पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ कर मेरठ मे जाकर व्यापारी के शरीर को भी बरामद किया।
छुपाए हथियारों से कर दी पुलिस पर फायरिंग
अब पुलिस इस घटना मैं इस्तेमाल की गई कार और व्यापारी को बेहोश किए जाने वाले उपकरण बरामद करना चाह रही थी। तभी पुलिस पकड़े गए आरोपियों की निशानदेही पर, इस घटना में इस्तेमाल की गई कार और बाकी सामान की बारामदगी के लिए आरोपी के द्वारा बताई गई जगह पर पहुंची, तो आरोपी ने कार को बरामद करवाते हुए कार में ही रखे हथियार से पुलिस पार्टी पर ही फायर कर दिया।
दरअसल, आरोपी ने घटना में यूज की गई कार में हथियार छिपा रखे थे। जिस हथियार की मदद से आरोपी ने पकड़े जाने के बाद पुलिस की चंगुल से भगाने के प्रयास में पुलिस पार्टी पर ही कई राउंड फायर कर डाला। लेकिन गाजियाबाद पुलिस इस बार पूरी तरह से अलर्ट थी। गाजियाबाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए जब अपनी सरकारी बंदूक का इस्तेमाल किया, तो उनकी गोली सीधा बदमाश के पैर में जा लगी।
पुलिस ने बरामद किया हथियार
फिलहाल, बदमाश को जख्मी हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पकड़े गए बदमाश के पास से 315 बोर का तमंचा और दो जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं। साथ ही व्यापारी को बेहोश करने में इस्तेमाल किया गया इंजेक्शन और बेहोशी के लिए इस्तेमाल की गई दवाई बरामद की है। साथ ही साथ उस कार को भी पुलिस ने अपनी हिरासत में ले लिया है, जिस कार का इस्तेमाल इस घटनाक्रम को अंजाम देने में लिया गया था।
पुलिस बोली अपराध माफी के काबिल नहीं
पुलिस अधिकारियों ने प्रेस वार्ता में उन दो आरोपियों को भी लाया गया है जो इस घटना में शामिल रहे हैं। मीडिया के द्वारा सवाल करने पर उन्होंने बताया कि इन दोनों में से एक ने इंजेक्शन के जरिए व्यापारी को बेहोश किया था। उन्होंने बताया कि आरोपियों को इस घटना को कारित करने का पछतावा है। लेकिन अपराध माफी के काबिल नहीं है। पुलिस अधिकारीयों के पीछे खड़े यह वही आरोपी है, जिसने एक घर के चिराग को बुझा डाला। पुलिस इन आरोपियों को सलाखों के पीछे भेज रही है।