उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मां सावित्री देवी की तबीयत बिगड़ने के चलते उन्हें मंगलवार को देहरादून के जॉली ग्रांट अस्पताल में एडमिट कराया गया था, जहां पर उनका ईलाज जारी है। उनकी हालत में धीरे-धीरे सुधार आ रहा है, इसी दौरान सीएम योगी भी अपने व्यस्त शेड्यूल से मां का हाल-चाल जानने के लिए ऋषिकेश एम्स पहुंचे।
बैठक से पहले मां से मिलने पहुंचे थे सीएम योगी
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, सीएम योगी की मां का आंखों में समस्या के चलते इलाज अस्पताल के विशेष वार्ड में किया जा रहा है। डॉक्टरों के उनकी हालत में धीरे-धीरे सुधार होने की बात कही है। काफी बिजी होने के बाद भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी मां की तबीयत का हाल जानने के लिए दिल्ली में एक महत्वपूर्ण बीजेपी बैठक से पहले देहरादून पहुंचे थे। अस्पताल पहुंचकर उन्होंने अपनी मां का हालचाल लिया और डॉक्टरों से उनकी स्वास्थ्य स्थिति पर जानकारी ली।
इसी साल जून में भी हुईं थीं एडमिट
सीएम योगी की मां की हालत को लेकर अस्पताल प्रशासन ने बताया कि सावित्री देवी को नियमित देखभाल में रखा गया है और उनकी सेहत में अपेक्षित सुधार के संकेत मिल रहे हैं। इससे पहले वो जून 2024 में भी ऋषिकेश एम्स में इलाज के लिए भर्ती हो चुकी हैं। सुरक्षा के चलते उत्तराखंड पुलिस और देहरादून प्रशासन भी अलर्ट मोड पर हैं। आपको बता दें, सीएम योगी मूल रूप से उत्तराखंड के रहने वाले हैं और उनका परिवार पौड़ी गढ़वाल के पचौर गांव में रहता है।
गोरखनाथ मंदिर में 300 लोगों से की मुलाकात
सीएम योगी ने रविवार सुबह गोरखनाथ मंदिर में जनता दर्शन के दौरान करीब 300 लोगों से मुलाकात की। गोरखनाथ मंदिर परिसर के महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन के सामने कुर्सियों पर बैठाए गए लोगों तक सीएम योगी खुद पहुंचे और एक-एक करके सबकी समस्याएं सुनीं। मुख्यमंत्री के समक्ष जनता दर्शन में हर बार की भांति इस बार भी कई लोग इलाज के लिए आर्थिक सहायता की गुहार लेकर पहुंचे थे। सीएम योगी ने उन्हें आश्वस्त किया कि सरकार इलाज के लिए भरपूर मदद करेगी। उनके प्रार्थना पत्रों को अधिकारियों को हस्तगत करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि इलाज से जुड़ी इस्टीमेट की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूर्ण करा कर शासन में उपलब्ध कराया जाए। राजस्व व पुलिस से जुड़े मामलों को मुख्यमंत्री ने पूरी पारदर्शिता व निष्पक्षता के साथ निस्तारित करने का निर्देश देते हुए कहा कि किसी के साथ भी नाइंसाफी नहीं होनी चाहिए।