शारदीय नवरात्रि के आखिरी दिन कन्या पूजन का अनुष्ठान काफी शुभ माना जाता है। इसी अनुष्ठान को लेकर प्रदेश में काफी धूम देखने को मिली, इस दौरान सीएम योगी ने भी कन्या पूजन किया और पुराणों में माता के स्वरुप को लेकर काफी बातचीत की। सीएम योगी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता’, इसका मतलब होता है कि जहां स्त्रियों की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते हैं और जहां स्त्रियों की पूजा नही होती, उनका सम्मान नही होता, वहां किए गए समस्त अच्छे कर्म भी निष्फल हो जाते हैं।
सीएम योगी ने किया कन्या पूजन
शुक्रवार को शारदीय नवरात्रि की नवमी तिथि पर गोरखनाथ मंदिर में आयोजित कन्या पूजन अनुष्ठान में सीएम योगी ने नौ दुर्गा स्वरूपा कुंवारी कन्याओं के पांव धोए, उनका विधि विधान से पूजन किया, चुनरी ओढाई, आरती उतारी, श्रद्धापूर्वक भोजन कराया, दक्षिणा और उपहार देकर उनका आशीर्वाद लिया। मुख्यमंत्री ने परंपरा का निर्वहन करते हुए बटुक पूजन भी किया। पूजन के बाद इन कन्याओं को मंदिर की रसोई में पकाया गया ताजा भोजन प्रसाद सीएम योगी ने अपने हाथों से परोसा।
‘यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता:’
सीएम योगी ने कन्या पूजन के दौरान नौ कन्याओं के पूजन को लेकर कहा कि ‘सनातम धर्म मां दुर्गा के नौ स्वरुपों की पूजा की जाती है। सनातन धर्म की ये समृद्ध परंपरा पूरे उमंग के साथ पूरे देश में लोग जुड़ रहे हैं। शक्ति आराधना और आधी आबादी के प्रति सम्मान का भाव रख रहे हैं। भारतीय समाज प्राचीन काल से इस बात को मानता रहा है कि जहां पर नारी की पूजा होती, जहां नारी का सम्मान होता है, वो समाज खुद ही समर्थ और शक्तिमान होता है। ये सनातन धर्म की मान्यता रही है कि यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता: यानी कि जहां पर नारी की पूजा होती है, वहां खुद दैवीय शक्तियां विराजमान होकर काम पूरा करने में सहभागी बनते हैं। ये हमारे लिए गौरव की पल है’।
सीएम योगी ने किया ‘लोकनायक’ जयप्रकाश नारायण को याद
शुक्रवार को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ‘लोकनायक’ जयप्रकाश नारायण की जयंती के उपलक्ष्य पर सीएम योगी ने उन्हें याद किया। एक्स पर लिखा- महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, लोकतंत्र के परम उपासक ‘भारत रत्न’, ‘लोकनायक’ जयप्रकाश नारायण की जयंती पर उन्हें नमन! आपातकाल के दौरान राष्ट्र की जनतांत्रिक चेतना को जागृत कर लोकतंत्र की पुनर्स्थापना में अविस्मरणीय योगदान दिया था। वे सच्चे अर्थों में ‘लोकनायक’ थे।