मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में इंसेफेलाइटिस को लेकर इस बार भी दो बार सर्वे कराया गया, जिसमें सामने आया कि एक भी बच्चे की मौत नहीं हुई है। आज पूर्वी उत्तर प्रदेश खुशहाल है। यह सब बेहतर समन्वय और संवाद से हो पाया। आज इंसेफेलाइटिस को पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है। लेकिन अफसोस है कि अब तक इस पर कोई स्टडी पेपर नहीं लिखा गया, जबकि यह सफलता का मॉडल है। वहीं वर्ष 2020 में कोविड-19 महामारी आई तो टीम 11 का गठन कर काबू पाया गया। यह हमें इंसेफेलाइटिस के सफलतापूर्वक समाधान के बाद प्राप्त हुए अनुभव से संभव हुआ। कोविड-19 पर काबू पाने में इसी अनुभव का लाभ प्राप्त हुआ।
एक जिला, एक मेडिकल की कॉलेज
सीएम योगी ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश वन डिस्ट्रिक्ट वन मेडिकल कॉलेज की दिशा में तेजी के साथ बढ़ रहा है। पहली बार केंद्र और राज्य सरकार पीपीपी मोड पर भी मेडिकल कॉलेज बनाने की कार्रवाई को बढ़ा रही है। आने वाले अगले 5 से 7 वर्ष में डॉक्टरों की कमी नहीं रहेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप हम एक जिला एक मेडिकल की कॉलेज की तरफ बढ़ चुके हैं। प्रदेश के सभी पीएचसी, सीएचसी को डॉक्टर मिलेंगे। इसके साथ ही आरएमएल, एसजीपीजीआई, केजीएमयू समेत अन्य संस्थानों को अच्छे विशेषज्ञ चिकित्सक मिलेंगे। इसके लिए हमें टीमवर्क के साथ काम करना होगा। आरएमएल उत्तर प्रदेश और उत्तर भारत का गेटवे है। यह उपब्लधि ऐसे ही नहीं मिली है। इसके पीछे सकारात्मक सोच और टीमवर्क है।
यूपी के 9900 स्कूलों में होने वाला है बड़ा बदला
प्रदेश में 9,900 परिषदीय प्री-प्राइमरी स्कूलों में अब विद्यार्थियों को खेल-खेल में रोचक ढंग से पढ़ाई कराई जाएगी। कक्षा में चारों कोने ऐसे होंगे जिनसे वह दैनिक दिनचर्या, फल, फूल व सब्जियों के नाम और अक्षर ज्ञान सीख सकेंगे। प्रत्येक विद्यालय को इसके लिए सामग्री खरीदने को 8,110 रुपये की धनराशि दी गई है।करीब आठ करोड़ रुपये इन विद्यालयों में खर्च कर निजी स्कूलों की तर्ज पर मनोरंजक ढंग से पढ़ाई कराई जाएगी। महानिदेशक, स्कूल शिक्षा की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि प्री-प्राइमरी स्कूलों में जल्द चार लर्निंग कार्नर (सीखने वाले कोने) तैयार किए जाएं।