Pryagraj: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ इंटरनेट मीडिया में अभद्र टिप्पणी व हेट स्पीच तथा प्रेस रिपोर्टर बनकर गलत रिपोर्ट करने के आरोपित को जमानत देने से इन्कार करते हुए अर्जी खारिज कर दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति मंजूरानी चौहान ने वाराणसी के लालपुर थाने में दर्ज आपराधिक केस में आरोपित अमित मौर्य की अर्जी पर दिया है।
मीडिया का दुरुपयोग निंदनीय
कोर्ट ने पत्रकारों व प्रकाशकों को नसीहत देते हुए कहा, ‘पारदर्शिता व जवाबदेही के साथ भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों की सही जानकारी सार्वजनिक करना उचित है किंतु मीडिया मंच का व्यक्तिगत लाभ व धनउगाही के लिए इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं दी जा सकती। इससे पत्रकारिता की विश्वसनीयता कमजोर होती है और जनविश्वास खत्म होता है। मीडिया का दुरुपयोग निंदनीय है। सटीक तथ्यात्मक जानकारी ही दी जानी चाहिए।’
पत्रकार नैतिक मूल्यों का पालन करें
कोर्ट ने कहा, किसी को मीडिया प्लेटफार्म का इस्तेमाल औजार की तरह करने की छूट नहीं दी जा सकती। समाज का लोकतांत्रिक ताना-बाना दुरुस्त रखने के लिए जवाबदेही जरूरी है। पत्रकार नैतिक मूल्यों का पालन करें। कोर्ट ने इंटरनेट मीडिया में प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री पर अशोभनीय टिप्पणी को सही नहीं माना। हालांकि कहा कि सरकार के कार्यों से असहमति व आलोचना करने की सभी को आजादी है। यह मजबूत शासनतंत्र का घटक है, किंतु अभिव्यक्ति गरिमा के अनुरूप होनी चाहिए। अपमानजनक भाषा कभी भी रचनात्मक उद्देश्य की पूर्ति नहीं कर सकती। आलोचना करने का अधिकार है किंतु उसमें पारदर्शिता व सार्वजनिक सहभागिता की संस्कृति हो। जिम्मेदारी व शालीनता होनी चाहिए।