Noida: गौतमबुद्ध नगर जिले में बढ़ते डिजिटल ठगी पर लगाम लगाने के लिए नोएडा पुलिस ने एक नई पहल की है। अब पांच लाख रुपये या उससे अधिक के लेनदेन पर खाताधारक के परिवार के सदस्य से अनुमति लेना होगा। बैंकों को निर्देश दिया गया है कि बड़े लेनदेन करने से पहले खाताधारक के परिवार के किसी सदस्य को सूचित करें। अनुमति मिलने के बाद ही आरटीजीएस (रियल-टाइम ग्रॉस सेटलमेंट) प्रक्रिया को पूरी करें।

एक साल में 30 से अधिक डिजिटल अरेस्ट मामले
बता दें कि पिछले एक वर्ष में जिले में 30 से अधिक मामले डिजिटल अरेस्ट के सामने आ चुके हैं। साइबर अपराधी डार्क वेब के जरिए खाताधारकों की वित्तीय जानकारी तक पहुंचते हैं और उन्हें फोन पर सरकारी एजेंसी का अधिकारी बनकर डराते और धमकाते हैं। देश विरोधी, आतंक गतिविधियों में शामिल होने आदि का डर दिखाकर वीडियो कॉल के जरिए निगरानी रखते हुए खाताधारकों से उनकी बैंक जमा राशि को बताए गए खातों में ट्रांसफर करवा लेते हैं। जब तक पीड़ित को ठगी का एहसास होता है, तब तक लाखों- करोड़ों की रकम खातों से गायब हो चुकी होती है।

पुलिस चला रही व्यापक अभियान
डिजिटल अरेस्ट के बढ़ते मामलों पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस ने व्यापक जागरूकता अभियान शुरू किया है। साइबर क्राइम थाना प्रभारी विजय गौतम ने बताया कि अभियान के तहत लोगों को डिजिटल ठगी के खतरों से सतर्क किया जाएगा। इसके सथ ही तहत पर्चे बांटने, सेमिनार आयोजित और बैंकों को दिशा-निर्देश जारी करने जैसे कदम उठाए जा रहे हैं। बैंक प्रबंधन को पांच लाख या उससे अधिक की रकम के आरटीजीएस से पहले खाताधारक के परिवार के सदस्य से संपर्क करने के लिए निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही असामान्य गतिविधि का संदेह होने पर बैंकों को तुरंत साइबर अपराध थाने को सूचित करने का निर्देश दिया है।

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