Greater Noida: गौतमबुद्ध नगर जिले की तीनों प्राधिकरण से जुड़ी खबर है। करीब महीने भर पहले ही हुई समीक्षा बैठक में उन अफसरों और कर्मचारियों को अल्टीमेटम मिला गया था जो ट्रांसफर के बाद भी अपने-अपने पद पर जमे हुए थे। इसक बावजूद भी ये अधिकारी और कर्मचारी नहीं माने, जिसके बाद अब ऐसे अफसरों और कर्मचारियों के निलंबन का आदेश जारी कर दिया गया। इसे लेकर मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने हाई लेवल की मीटिंग भी की थी। जिसमें ये फैसला लिया गया कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना विकास प्राधिकरण में जो भी अधिकारी या कर्मचारी ट्रांसफर के बाद भी डटे हैं, उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। विभाग के मंत्री के आदेश के बाद भी ये अधिकारी अपने मलाईदार पद से नहीं हटे, जिसका खामियाजा अब उन्हें भरना पड़ेगा। नोएडा प्राधिकरण के 6 अधिकारियों के अलावा, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के दो और यीडा प्राधिकरण के एक कर्मचारी को संस्पेंड कर दिया गया है। सवाल सिर्फ निलंबित अधिकारियों या फिर कर्मचारियों पर ही नहीं है, बल्कि तीनों प्राधिकरण के सीईओ पर भी है कि अगर इन अधिकारियों और कर्मचारियों का ट्रांसफर हो चुका था, तो रिलीव क्यों नहीं किया गया।

क्यों नहीं किया गया रिलीव?

मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने कहा था कि स्थानांतरण की प्रक्रिया सिस्टम में सुधार लाने के लिए है। मंत्री ने कहा था कि सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को चेतावनी दी गई है कि वो आदेश को मानेंगे। आदेश के बावजूद अधिकारी और कर्मचारी अपने मलाईदार पद को छोड़ने को तैयार नहीं थे। हालांकि बीच में नोएडा प्राधिकरण के सीईओ ने तबादला हुए अधिकारियों को रिलीव की प्रक्रिया शुरू की थी। लेकिन इतने दिनों में बचे अधिकारियों और कर्मचारियों को रिलीव नहीं किया। हालांकि ये बात भी सामने आ रही थी कि कुछ अधिकारी अपने पद से रिलीव होना चाहते हैं, लेकिन उन्हें वहां से कार्य मुक्त नहीं किया जा रहा था। ऐसे में इन अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही के साथ-साथ सीईओ की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं कि इन अधिकारियों और कर्मचारियों को जल्द से जल्द रिलीव क्यों नहीं किया गया।

विकल्प नहीं होने की बात आई थी सामने

औद्योगिक मंत्री नंद गोपाल गुप्ता के आदेश के बाद विभाग में हड़कंप मच गया था, अब अंदरखाने ये बात भी सामने आ रही है कि जिन अधिकारियों या कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई हुई है, वो रिलीव होना चाहते थे, लेकिन कोई दूसरा विकल्प नहीं होने के चलते उन्हें वहां पर रोके रखा गया।

इन अधिकारियों पर गिरी है गाज

बताया जा रहा है कि ये अधिकारी और कर्मचारी ट्रांसफ़र के बाद भी नोएडा प्राधिकरण से नहीं जा रहे थे। सस्पेंशन का यह आदेश प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास अनिल सागर ने शुक्रवार को जारी किया है। नरदेव सहायक विधि अधिकारी, यूएस फ़ारूक़ी प्रबंधक प्लानिंग, विजेंद्र पाल सिंह कोमर निजी सचिव, प्रमोद कुमार लेखाकार, सुशील भाटी, सहायक विधि अधिकारी और सुमित ग्रोवर, प्रबंधक, प्लानिंग को सस्पेंड किया गया है। वहीं, ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी जूनियर सिविल  इंजीनियर विजय कुमार वाजपेयी,  सहायक प्रबंधक सुरेंद्र कुमार  सस्पेंड हुए हैं। सूत्रों के मुताबिक 2 और सीनियर मैनेजर के ख़िलाफ़ कारवाई की फाइल बनी थीं,  जो कि रुक गई हैं. मतलब आदेश जारी नहीं हुए हैं। इसी तरह यमुना विकास प्राधिकरण के प्रशासन प्रबंधक अजब सिंह भाटी को भी सस्पेंड किया गया है।

ट्रांसफर के बाद भी नोएडा में जमे थे

बता दें कि बीते दिनों ऐसी सूचना थी कि प्राधिकरण के 6 अधिकारी और कर्मचारियों पर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। इस कार्रवाई से जुड़ी सभी पत्रावली प्राधिकरण से मंगवा ली गई थी। दरअसल, नोएडा प्राधिकरण से ट्रांसफ़र के बाद भी नई तैनाती की जगह पर न जाने को लेकर इस कार्रवाई का अंदेशा था।

बैठक में मंत्री ने जताई थी नाराजगी
बता दें कि पिछले दिनों औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने समीक्षा बैठक में कर्मचारियों और अधिकरियों को लेकर नाराजगी जताई थी। चेतावनी दी थी कि ट्रांसफ़र के बाद भी जमे अधिकारी-कर्मचारी सस्पेंड होंगे। लेकिन फिर भी इन ट्रांसफ़र अधिकारियों ने गंभीरता से नहीं लिया था। हांलाकि यह इसकी सूची काफी लंबी है। जिसमे सीनियर मैनेजर से लेकर कई अधिकारी शामिल है।

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