सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव यूपी उपचुनाव के लिए 6 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है. इसके साथ ही ऐसा लग रहा है कि सपा ने भी कांग्रेस को सबक सिखाने की ठान ली है. दरअसल हरियाणा विधानसभा चुनावों में राहुल गांधी के वादे के बाद भी कांग्रेस ने सपा के लिए हरियाणा में सीटें नहीं छोड़ी थी. जिसको लेकर कांग्रेस को नहले पर दहला देते हुए अखिलेश यादव ने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. बता दें कि जिन सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए गए हैं उनमें से दो सीटों पर कांग्रेस की दावेदारी थी.

अखिलेश ने कांग्रेस को दिया जोरदार झटका
हरियाणा विधानसभा चुनाव नतीजों के ठीक दूसरे दिन अखिलेश यादव ने कांग्रेस को जोरदार झटका दे दिया. अखिलेश ने कांग्रेस को भरोसे में लिए बिना ही 6 टिकटों की घोषणा कर दी है. यूपी में विधानसभा उप चुनाव 10 सीटों पर होने हैं. इनमें से 5 सीटों पर पिछले चुनावों में सपा की जीत हुई थी. बीजेपी के पास 3 सीटें थी. आरएलडी एक सीट पर जीती जबकि बीजेपी के दूसरे सहयोगी दल निषाद पार्टी के पास एक सीट थी. कांग्रेस पार्टी ने समाजवादी पार्टी से गठबंधन में 5 सीटों की मांग की थी. कांग्रेस मंझवा, फूलपुर, ग़ाज़ियाबाद, मीरापुर और खैर विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में थी लेकिन अखिलेश यादव ने प्रेशर टैक्टिक्स का दांव चलते हुए बुधवार को लखनऊ में सपा ऑफिस पहुंचते ही छह उम्मीदवारों की घोषणा कर दी. इस तरह से सपा ने अब गठबंधन धर्म निभाने की ज़िम्मेदारी कांग्रेस पर छोड़ दी है.

अखिलेश के दांव पर कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय बोले
यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि हमें अभी-अभी जानकारी मिली है. हम 5 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं. इसी हिसाब से तैयारियां भी की जा रहीं थीं. अब ये तो केंद्रीय नेतृत्व तय करेगा कि आगे क्या करना है. कांग्रेस ने फ़ैज़ाबाद की मिल्कीपुर सीट पर दावा भी ठोंक दिया था. पार्टी ने 16 अक्टूबर को वहां संविधान सभा करने की घोषणा भी की थी. बता दें कि फ़ैज़ाबाद से सपा के चर्चित सांसद अवधेश प्रसाद पहले मिल्कीपुर से विधायक थे. इस सीट को अखिलेश और योगी आदित्यनाथ ने साख की लड़ाई बना दिया है. मगर कांग्रेस इस सीट पर चुनाव लड़ने के दावे कर रही थी. पिछले एक महीने में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पांच बार मिल्कीपुर का दौरा कर चुके हैं.

6 उम्मीदवारों में 5 तो “परिवार” से
समाजवादी पार्टी ने विधानसभा उप चुनाव के लिए 6 उम्मीदवारों का ऐलान किया है. इनमें से 5 उम्मीदवार तो “परिवार” से ही हैं. फ़ैज़ाबाद से सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को मिल्कीपुर से टिकट दिया गया है. अंबेडकरनगर से सासंद लालजी वर्मा की पत्नी शोभावती वर्मा को कटेहरी से टिकट दिया गया है. कानपुर के सीसामऊ से इरफ़ान सोलंकी समाजवादी पार्टी के विधायक थे. इरफ़ान सोलंकी अदालत से सजा मिलने का बाद अब जेल में हैं. अखिलेश यादव ने इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी को चुनाव लड़ाने का फ़ैसला लिया है.

अपने रिश्तेदारों को भी अखिलेश ने दिया टिकट
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के परिवार के 6 लोग सांसद हैं. अखिलेश समेत परिवार के 5 सदस्य लोकसभा में हैं. जबकि अखिलेश के चाचा रामगोपाल यादव राज्यसभा के सांसद हैं. अब परिवार से ही अखिलेश के भतीजे तेज प्रताप यादव को करहल सीट से टिकट दिया गया है. अखिलेश यादव इसी सीट से विधायक थे. भदोही से बीजेपी के सांसद रमेश बिंद पिछले लोकसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी में आ गए थे. रमेश बिंद मिर्ज़ापुर से अपना दल की अनुप्रिया पटेल के खिलाफ चुनाव लड़े और हारे. अब रमेश बिंद की बेटी ज्योति बिंद को अखिलेश यादव ने मंझवा से चुनाव लड़ाने के लिए टिकट दिया है. वहीं बीएसपी से विधायक रहे मुस्तफ़ा सिद्दीक़ी को प्रयागराज की फूलपुर सीट से टिकट मिला है.

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