Greater Noida: उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास आयुक्त और नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के चेयरमैन मनोज कुमार सिंह ने सोमवार को नोएडा-ग्रेटर नोएडा में आईटी, उद्योग व संस्थागत आवंटनों की समीक्षा की। चेयरमैन ने कहा कि आईटी, उद्योग व संस्थागत के जो आवंटी लंबे समय से खाली भूखंड लेकर बैठे हैं, उन भूखंडों पर बिल्डिंग बनाकर कंप्लीशन और फंक्शनल नहीं कर रहे हैं, उनका आवंटन निरस्त कर दिया जाए। उन्होंने साथ में यह भी कहा कि जिन आवंटियों ने तय प्रावधानों के मुताबिक न्यूनतम निर्माण भी पूरा कर लिया है, उनसे न्यूनतम औपचारिकताएं पूरी कराकर कंप्लीशन और फंक्शनल सर्टिफिकेट जारी करेें। आईडीसी ने इसके लिए नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को शिविर लगाने के निर्देश दिए।
अधिकारियों ने आवंटनों की ताजा स्थिति की दी जानकारी
आईडीसी व चेयरमैन मनोज कुमार सिंह ने सोमवार शाम करीब छह बजे ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार और नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डॉ लोकेश एम व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में दोनों प्राधिकरण के आईटी, उद्योग व संस्थागत आवंटनों की समीक्षा की। नोएडा-ग्रेटर नोएडा में आईटी, उद्योग व संस्थागत निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित इस बैठक में सभी विभागाध्यक्षों ने चेयरमैन को इनसे जुड़े आवंटनों की ताजा स्थिति से अवगत कराया।
भवन का न्यूनतम निर्माण करने वाले को दें राहत
चेयरमैन ने कहा कि जिन भूखंडों के आवंटन को लंबा समय बीत चुका है। उनको बनाने और फंक्शनल करने की अवधि भी खत्म हो चुकी है, उनका सर्वे करा लें और खाली भूखंड मिलने पर आवंटन निरस्त करने की कार्रवाई करें, ताकि उन भूखंडों को नए सिरे से आवंटित किया जा सके। नए उद्यमियों को मौका मिल सके। इससे नोएडा-ग्रेटर नोएडा में निवेश के द्वार खुलेंगे। इसके साथ ही चेयरमैन ने यह भी कहा कि अगर किसी आवंटी ने भवन का न्यूनतम निर्माण कर लिया है तो उससे जरूरी औपचारिकताएं पूरी कराकर कंप्लीशन और फंक्शनल सर्टिफिकेट जारी करें।
शिविर का आयोजन करने के निर्देश
उन्होंने इसके लिए दोनों प्राधिकरणों को शिविर का आयोजन करने के निर्देश दिए। उन्होंने इन आवंटनों को ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में भी शामिल करने के निर्देश दिए। बैठक में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ मेधा रूपम, एसीईओ अन्नपूर्णा गर्ग, एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस, एसीईओ आशुतोष द्विवेदी, एसीईओ सुनील कुमार सिंह, नोएडा के एसीईओ संजय खत्री व एसीईओ वंदना त्रिपाठी समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण मौजूद रहे।