ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ सौम्य श्रीवास्तव ने बिल्डरों के साथ बृहस्पतिवार को प्राधिकरण के बोर्ड रूम में बैठक की। जिसमें बिल्डर विभाग की तरफ से प्रोजेक्टवार स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने भी फ्लैटों की रजिस्ट्री लटकाने वाले बिल्डरों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। एसीईओ ने कहा कि यह आखिरी मौका है। 31 दिसंबर तक फ्लैटों की रजिस्ट्री न कराने वाले बिल्डरों को अब और समय नहीं दिया जाएगा। ऐसे बिल्डरों से अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों के आधार पर मिली रिलीफ को वापस लेने की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने प्राधिकरण के बिल्डर विभाग को भी फ्लैट खरीदारों के नाम रजिस्ट्री पर अधिक जोर देने और लापरवाही करने वाले बिल्डरों के आवंटन रद्द करने के निर्देश दिए।
34 बिल्डर परियोजनाओं में करीब 7000 फ्लैटों की रजिस्ट्री बाकी
बता दें कि ग्रेटर नोएडा के कुल 98 प्रोजेक्ट्स में से अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों पर तैयार पॉलिसी के दायरे में आने वाले 76 प्रोजेक्ट हैं। इन परियोजनाओं के लिए बिल्डरों की तरफ से 25 फीसदी धनराशि (पूर्ण व आंशिक मिलाकर) जमा कराई जा गई है। इन परियोजनाओं में 62912 फ्लैट हैं, जिनमें से 38661 के लिए कार्यपूर्ति प्रमाणपत्र जारी किया गया। अब तक लगभग 31600 फ्लैटों की रजिस्ट्री हो चुकी है। अभी भी 34 बिल्डर परियोजनाओं में लगभग 7000 फ्लैटों की रजिस्ट्री बाकी है। प्राधिकरण इन 31600 फ्लैटों की रजिस्ट्री कराने के लिए प्रयासरत है। प्राधिकरण की मंशा है कि 21 जनवरी 2025 को विलंब शुल्क से छूट खत्म होने से पहले बायर्स के नाम इन फ्लैटों की रजिस्ट्री संपन्न हो जाए, ताकि बायर्स पर विलंब शुल्क का बोझ न पडे़।
अधिक शुल्क वसूलने वाले बिल्डरों को एसीईओ ने लगाई फटकार
वहीं एसीईओ सौम्य श्रीवास्तव ने एनओसी के नाम पर खरीदारों से अधिक शुल्क वसूल रहे बिल्डरों को भी फटकार लगाई। उन्होंने एनओसी के लिए खरीदारों से निर्धारित शुल्क से अधिक लेने पर कार्रवाई की चेतावनी दी। इस बैठक में बिल्डर विभाग की मैनेजर स्नेहलता व 30 से अधिक बिल्डर प्रतिनिधि मौजूद रहे।