कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा अमरोहा पहुंची। जहां कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी और प्रियंका का जोरदार स्वागत किया। यात्रा के दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। वहीं यात्रा पहुंचने के दौरान यातायात डायवर्ट कर दिया गया। साथ ही शहर के कई हिस्सों में पुलिस की तैनाती की गई है। आपको बता दें कि यूपी में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने गठबंधन कर लिया है। चर्चा है कि प्रियंका गांधी से बातचीत के बाद अखिलेश यादव ने इस गठबंधन का ऐलान किया है। डिसमें सपा और कांग्रेस के बीच 17 सीटों के लिए समझौता हुआ है। इन 17 सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवार खड़े होंगे जिन्हें सपा का समर्थन हासिल होगा। अमरोहा भी इन्हीं में से एक सीट है।
अमरोहा लोकसभा सीट कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती
अमरोहा लोकसभा सीट पर कांग्रेस के लिए जीत हासिल करना कांग्रेस के लिए आसान नहीं होगा। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के लिए यह बड़ी चुनौती होगी कि वे पार्टी का पुराना वोट बैंक फिर से जोड़ सकें। 1996 के बाद से सपा भी इस सीट पर जीत नहीं पा सकी है। हालांकि, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की यात्रा और दानिश अली का समर्थन कांग्रेस के लिए मददगार हो सकता है। आपको बता दें कि अमरोहा लोकसभा सीट साल 1952 में बनी थी। तब यहां पहली बार चुनाव हुए और फिर 1962 तक यहां 3 बार कांग्रेस ने जीत हासिल की। लेकिन इसके बाद से कांग्रेस का जनाधार खिसकता चला गया। साल 1984 में कांग्रेस प्रत्याशी रामपाल सिंह ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद से कोई भी कांग्रेसी यहां नहीं जीता।भारतीय जनता पार्टी यहां तीन बार जीत चुकी है। लेकिन यहां के मौजूदा सांसद दानिश अली हैं।
40 सालों से अमरोहा सीट पर कांग्रेस का प्रदर्शन कमजोर
आज यूपी में राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा का दूसरा चरण मुरादाबाद से शुरू हुआ। जिसमें इस बार जब से यह यात्रा शुरू हुई प्रियंका गांधी पहली बार इस यात्रा में शामिल हो रही है। दरअसल, अमरोहा से सटा मुरादाबाद प्रियंका गांधी की ससुराल है। उनके पति रॉबर्ट वाड्रा यहीं के रहने वाले हैं। मुरादाबाद को लेकर सपा और कांग्रेस में सहमति नहीं बन पाई। हालांकि, बाद में सपा ने कांग्रेस को अमरोहा की सीट दे दी है। एक समय में अमरोहा जरूर कांग्रेस का गढ रहा हो लेकिन पिछले 40 सालों से अमरोहा सीट पर कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है।