पड़ोसी देश बांग्लादेश इस समय हिंसा की आग में जल रहा है। आरक्षण विरोधी प्रदर्शन और हिंसक झड़पों के बीच देश में तख्तापलट भी हो गया। शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर भारत आ गई हैं। शेख हसीना का विमान सोमवार को गाजियाबाद स्थित हिंडन एयरबेस पर उतरा। जहां सेफ हाउस में शेख हसीना और उनकी बहन को रखा गया है। इसके साथ ही सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किया गया है। शेख हसीना भारत से लंदन जाना चाह रही हैं लेकिन अभी क्लीयरेंस नहीं मिल पाया है।

बांग्लेदश में ससंद भंग
प्रधानमंत्री शेख हसीना इस्तीफा देने और देश से बाहर जाने के कुछ ही समय बाद सोमवार शाम 5:36 बजे हिंडन एयरबेस पहुंची। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश संकट पर कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी की बैठक की।शेख हसीना के भारत पहुंचने के कुछ देर बाद बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने जनवरी 2024 में चुनाव के बाद बनी संसद को भंग कर दिया।

नोबेल विजेता मोहम्मद युनूस को अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार
वहीं, बांग्लादेश के मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आंदोलन के प्रमुख आयोजकों ने नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का मुख्य सलाहकार बनाने का प्रस्ताव दिया है। सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में नाहिद इस्लाम ने कहा कि वह पहले ही प्रोफेसर यूनुस से बात कर चुके हैं। उन्होंने देश की वर्तमान स्थिति को देखते हुए अपनी सहमति दे दी है.

भारत में सर्वदलीय बैठक में शेख हसीना को लेकर नहीं हुआ फैसला
वहीं, बांग्लादेश की स्थिति पर संसद में सर्वदलीय बैठक शुरू हो गई है। इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राज्यसभा में नेता सदन जेपी नड्‌डा, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू, राहुल गांधी और केसी वेणुगोपाल भी मौजूद हैं. डीएमके के टीआर बालू, जेडीयू के लल्लन सिंह, एसपी के राम गोपाल यादव, टीएमसी के सुदीप बंद्योपाध्याय, राजद की मीसा भारती, एसएस (यूबीटी) के अरविंद सावंत, बीजेडी के सस्मित पात्रा, एनसीपी (एसपी) की सुप्रिया सुले, टीडीपी के राम मोहन नायडू भी सर्वदलीय बैठक में मौजूद हैं. हालांकि बैठक में शेख हसीना भारत में ही रहेंगी या किसी अन्य मुल्क में शरण लेंगी. अभी इस पर स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है।

उपद्रवियों ने जेल पर बोला धावा
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश के शेरपुर जिला जेल में उपद्रवियों ने 5 अगस्त की शाम को धावा बोलकर 500 कैदियों को जेल से छुड़ा लिया। सोमवार को कर्फ्यू के बीच लाठी-डंडों और हथियारों से लैस स्थानीय भीड़ ने जुलूस निकाला. इस दौरान भीड़ ने शहर के दमदमा-कालीगंज इलाके में स्थित डिस्ट्रिक्ट जेल पर धावा बोल दिया. उपद्रवियों ने जेल का गेट तोड़ दिया और आग लगा दी. 

बांग्लादेश में क्यों भड़की हिंसा
बता दें कि जून 2024 में बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2018 बांग्लादेश कोटा सुधार आंदोलन के जवाब में किए गए सरकारी फैसले को पलटते हुए स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों के लिए 30 फीसदी कोटा बहाल करने के खिलाफ विरोध शुरू हुआ था। छात्रों ने योग्यता के आधार पर उनके पास सीमित अवसर ही बचने को लेकर विरोध शुरू किया था। इस विरोध की शुरुआत सरकारी नौकरियों के लिए पुनः स्थापित कोटा प्रणाली की प्रतिक्रिया के रूप में शुरू हुई थी। जो बाद यह हिंसक होती चली गई। पीएम शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़ पार्टी के समर्थकों के बीच 4 अगस्त झड़प में 91 लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हो गए। इसक बाद  मोबाइल इंटरनेट बंद करना पड़ा और अनिश्चित काल के लिए देशव्यापी कर्फ्यू लागू करना पड़ा।

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