नोएडा सेक्टर-36 साइबर थाना ने व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर शेयर टेडिंग के नाम पर मुनाफे के नाम पर गबन करने वाले दो अभियुक्तो को सूरजपुर कासना रोड, ग्रेटर नोएडा से गिरफ्तार किया गया है।

व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर करते थे शिकार

बीती 31 मई को नोएडा सेक्टर 4 निवासी एक पीड़ित ने साइबर ठगी होने के संबंध में थाना साइबर क्राइम रिपोर्ट किया था। जिसमें पीड़ित ने अभियुक्तों द्वारा व्हाट्सएप ग्रुप में ऐड करके शेयर ट्रेडिंग मे मुनाफे की बात कही था और करीब 9 करोड़ रुपयों की ठगी की थी। इस मामले में साइबर पुलिस ने अकरम उर्फ सैम (28) और सुशील कुमार (45) को गिरफ्तार किया है।

अभियुक्त ने खोला पूरा प्रोसेस

पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, अभियुक्त अकरम उर्फ सैम ने पूछताछ के दौरान बताया कि ‘मैने ऑनलाइन जॉब सर्च करना शुरू किया, तो मेरा संपर्क शान से हुआ, जो मुझे व्हाट्सएप के माध्यम से वॉयस कॉल व चैट करता व मेरी कम्पनी पर आता-जाता रहता था। मैं इसके साथ सिलाई कढ़ाई का व्यापार भी करता था। तभी मेरी पहचान सुशील श्रीवास्तव से हुई, जिसने मुझसे कहा कि अपना बैंक खाता मुझे दे दो, उसमे कुछ गैमिंग प्लेटफार्म का पैसा आयेगा। जिसका 1 प्रतिशत आपको प्राप्त होगा’।

‘तब मैनें अपने कुछ बैंक खाते की यूजरआईडी पासवर्ड/लॉगिन आईडी पासवर्ड सुशील से प्राप्त कर शान को उपलब्ध कराये थे। मैने ट्रान्जेक्शन के दौरान आये सभी ओटीपी ऐप के माध्यम से शान को भेजे थे। शान से एक बैंक खाते के एवज मे मुझे 2 लाख रुपये प्राप्त होते है। इस प्रकार मुझे लाखो रुपये क्रिप्टोकरेन्सी के रुप मे कमीशन के रुप मे शान ने दिये। यह कमीशन मुझे C98, KUCOIN APP, BINANCE APP, MEXC APP, TRUST WALLET, COIN DCX, BIT BNS, CRYPTO-COM आदि के माध्यम से प्राप्त हुआ। WHATSAPP GROUP CRYPTO TRADERS में एड टाइगर को USDT भेजकर 20,000 रुपये यूपीआई के माध्यम से प्राप्त किये थे तथा शान को भी मैने USDT देकर 45,000 रुपये प्राप्त किये थे। शेष रुपये मेरे उपरोक्त वॉलेट में क्रिप्टो करेन्सी के रुप मे बेलैंस है। अभियुक्त से बरामद दस्तावेज व डिवाइस मैने साइबर फ्रांड करने में तथा साइबर फ्रांड से पैसा प्राप्त करने में प्रयोग किया गया है’।

अन्य की तलाश जारी

पुलिस ने शुरुआती जांच के अन्य की गिरफ्तारी के प्रयास कर रही है। साथ ही विवेचना में प्रकाश में आये खातो में विभिन्न राज्यो में NCRP PORTAL पर 26 शिकायत दर्ज पायी गयी है।

ये सामान हुआ बरामद

दोनों अभियुक्तों के पास से 21 चैक बुक,25 चैक, 7 पासबुक, क्यू आर कोड (आईसीआईसीआई बैंक), 2 आधार क्यू आर कोड, 3 मोबाइल फोन, 1 टैबलेट, 1 लैपटॉप  , 1 जीएसटी फार्म, एस0ई0 इन्वेस्टमेन्ट आवेदन की छायाप्रति, फ्रीज़ धनराशि 1 करोड़ 64 लाख (विभिन्न बैंक खातों में) और 6 लाख 99 हजार रूपये की क्रिप्टो करेंसी फ्रीज (विभिन्न प्लेट फार्म में) में मिले हैं।

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