Greater Noida:  ग्रेटर नोएडा वेस्ट में पिछले दिनों दूषित पानी पीने से सुपरटेक इको विलेज-2 सोसाइटी के 1500 लोगों के बीमार पड़ने के मामले में प्राधिकरण ने बड़ी कार्रवाई की है। सुपरटेक बिल्डर पर 5 करोड़ 7 लाख जुर्माना लगाया है। इसमें पांच करोड़ प्रदूषण और 7 लाख रुपये ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने लगाया है। जांच में सामने आया है कि पानी टंकी की सफाई करते समय केमिकल रह जाने से सोसाइटी के लोग बीमार पड़े थे।

सोसाइटी में मच गया था हड़कंप
गौरतलब है कि इको विलेज-2 सोसाइटी में करीब 3000 परिवार रहते हैं। इस सोसाइटी में 2 से 4 सितंबर तक 1500 परिवार लोग दूषित पानी पीने से बीमार पड़ गए थे। कई पूरा परिवार ही बीमार हो गया था। बीमार होने वालों में अधिकतर बच्चे और महिलाएं थे। हालत यह हो गई थी कि सोसाइटी के आसपास क्लीनिक और अस्पताल में इलाज कराने के लिए लोगों की भीड़ लग गई थी। इतनी बड़ी संख्या में लोगों के बीमार होने पर हड़ंकप मच गया था। तुरंत स्वास्थ्य विभाग, प्राधिकरण और जिला प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची थी।

जांच में मिली भारी कमी
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ आशुतोष द्विवेदी ने बताया कि सुपरटेक इको विलेज-2 सोसाइटी में पिछले दिनों 300 लोग दूषित पानी पीने से बीमार हुए थे। इसके बाद मौके पर पहुंचकर स्थानीय प्रशासन और प्राधिकरण की टीम ने निरीक्षण किया था और सैंपल लिया गया था। जिसकी रिपोर्ट में सामने आया है कि पानी की टंकी सही सफाई नहीं कराई जा रही थी। इसके अलावा पानी की टंकी सफाई की गई तो उसमें केमिकल रह गया था, जिससे पानी दूषित हुआ और लोग बीमार पड़े। इस मामले में प्रदूषण विभाग ने सुरटेक बिल्डर पर 5 करोड़ और प्राधिकरण की ओर से 7 लाख जुर्माना लगाया गया है।

अब नियमित होगी जांच
जांच में पाया गया कि सोसाइटी में सप्लाई किया जा रहा पानी दूषित था। जिससे लोगों की तबीयत खराब हो गई। कई लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा और कुछ को घर पर ही प्राथमिक उपचार दिया गया। इस घटना के बाद निवासियों में बिल्डर और सोसायटी प्रबंधन के प्रति गहरा आक्रोश है। प्राधिकरण के अधिकारियों ने कहा कि सोसायटी में रहने वाले निवासियों की सुरक्षा को नजरअंदाज करने और दूषित पानी की सप्लाई करने के कारण जुर्माना लगाया गया है। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे और सभी सोसायटीज में पानी की नियमित जांच की जाएगी।

सोसाइटी के लोगों में नाराजगी
उल्लेखनीय है कि इस घटना के बाद सोसायटी के लोगों में काफी नाराजगी है। कई लोगों ने बिल्डर और प्रबंधन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की भी बात कही है। सोसाइटी के लोगों का कहना है कि यह पहली बार नहीं है, जब उन्हें ऐसी समस्या का सामना करना पड़ा है। पहले भी पानी की गुणवत्ता को लेकर शिकायतें की गई थीं, लेकिन गंभीरता से नहीं लिया गया था।

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