Noida: उत्तर प्रदेश की आर्थिक राजधानी में मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। यहां इलाज न मिलने के कारण नवजात बच्ची की मौत हो गई। बच्ची का पिता इलाज के लिए दिनभर अस्पतालों का चक्कर लगाता रहा। किसी ने बेड की कमी बताई तो किसी ने चार्ज महंगा बताकर भर्ती करने से मना कर दिया। यहां तक कि एंबुलेंस तक नहीं दी गई। जिसकी वजह से बेबस पिता की गोद में बच्ची ने दुनिया छोड़ दी।


जिम्म ने भर्ती करने से किया मना
छपरौला गांव निवासी ऑटो चालक इरफान खान ने बताया कि गर्भवती पत्नी रुखसाना को लेबर पेन होने पर सुबह बादलपुर के स्वास्थ्य केंद्र लेकर गया था। जहां 10 बजे लड़की का जन्म हुआ। बच्ची जन्म के दौरान रोई नहीं और सांस लेने में भी दिक्कत हो रही थी। ऐसे में डॉक्टरों ने जिम्स रेफर कर दिया। जब वह बच्ची को लेकर जिम्स पहुंचा तो बेड खाली नहीं थे, इसलिए भर्ती नहीं किया। आरोप है कि डॉक्टर ने अभद्रता भी की। इसके बाद एंबुलेंस के जरिए बच्ची को चाइल्ड पीजीआई पहुंचा।

चाइल्ड पीजीआई ने भर्ती करने से पहले मांगे पैसे
इरफान ने बताया कि चाइल्ड पीजीआई में 20 हजार रुपये का खर्चा बताया। भर्ती के दौरान तुरंत सात से आठ हजार का खर्चा बताया। उसने कहा कि करने तक के पैसे नहीं थे। डॉक्टर बिना पैसों के बच्ची को भर्ती करने को तैयार नहीं हुए। ऐसे में हम लोग बच्ची को दोबारा से बादलपुर के स्वास्थ्य लेकर जाने लगे। अस्पताल की ओर से एंबुलेंस तक नहीं दी गई। मजबूरी में बच्ची को लेकर ऑटो से आए। इस दौरान ऑटो में बच्ची की मौत हो गई।

चाइल्ड पीजीआई के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आकाश राज ने बताया कि यहां भर्ती की फीस लगती है। हालांकि उनको उक्त बच्ची के मामले की जानकारी नहीं है।

Share.
Leave A Reply

Exit mobile version