उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने स्पष्ट और सख्त बयानों के लिए जाने जाते हैं। 2024 में भी उनके कई बयानों ने न केवल सियासी माहौल को गर्म किया, बल्कि विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी बहस छेड़ दी। आइए जानते हैं उनके कुछ ऐसे प्रमुख बयानों के बारे में जिन्होंने सुर्खियां बटोरीं-
“बटेंगे तो कटेंगे”
योगी आदित्यनाथ ने एक चुनावी सभा के दौरान कहा, “जो समाज को बांटने की कोशिश करेंगे, वे खुद बिखर जाएंगे। ‘बटेंगे तो कटेंगे’—उत्तर प्रदेश में विकास, शांति और एकता का माहौल रहेगा।” इस बयान को उन्होंने प्रदेश में शांति और विकास को प्राथमिकता देने के संदर्भ में दिया, लेकिन इसका असर विपक्ष पर सीधा हमला समझा गया।
“माफिया के लिए यूपी में जगह नहीं”
“उत्तर प्रदेश अब माफिया मुक्त हो रहा है। जो अपराधी पहले सत्ता के संरक्षण में पलते थे, अब वे या तो जेल में हैं या प्रदेश छोड़ चुके हैं।” इस बयान को विपक्ष ने राजनीतिक बदले की कार्रवाई से जोड़ा। समाजवादी पार्टी और अन्य दलों ने इसे “सलेक्टिव एक्शन” बताया। वहीं, बीजेपी समर्थकों ने इसे कानून-व्यवस्था में सुधार का प्रतीक कहा।
“रामराज्य की ओर बढ़ रहा उत्तर प्रदेश”
“अयोध्या में राम मंदिर निर्माण हमारी सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को सशक्त कर रहा है। यह उत्तर प्रदेश को रामराज्य की दिशा में ले जाने का मार्ग है।” विपक्ष ने इस बयान को सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का प्रयास बताया। कांग्रेस और बसपा ने कहा कि सरकार धर्म के नाम पर जनता का ध्यान बुनियादी मुद्दों से भटकाने की कोशिश कर रही है।
“गुंडाराज और दंगों का युग खत्म”
“2017 से पहले यूपी में दंगे होते थे, गुंडाराज था। आज यूपी में कानून का राज है। कोई भी व्यक्ति शांति और सुरक्षा के साथ रह सकता है।” विपक्ष ने इसे बीजेपी सरकार की विफलताओं को छिपाने का प्रयास कहा। समाजवादी पार्टी ने इस बयान को पूर्व सरकारों के प्रति दुर्भावना से प्रेरित बताया।
“गरीबों के लिए जो काम बीजेपी ने किया, वह किसी ने नहीं किया”
“प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में गरीबों के लिए जो योजनाएं चलाई जा रही हैं, वह आजादी के बाद किसी सरकार ने नहीं की।” यह बयान विपक्ष को खटक गया। कांग्रेस ने इसे इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया, जबकि बीजेपी ने इसे अपनी उपलब्धियों का प्रमाण बताया।
“परिवारवाद की राजनीति अब खत्म होनी चाहिए”
“जो लोग परिवारवाद की राजनीति करते हैं, वे लोकतंत्र के लिए खतरा हैं। यूपी की जनता अब इस राजनीति को खारिज कर चुकी है।” यह बयान समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पर सीधा हमला था। सपा ने पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी खुद अंदरूनी गुटबाजी और वंशवाद से ग्रस्त है।
“लव जिहाद पर कानून को सख्ती से लागू करेंगे”
“महिलाओं की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। ‘लव जिहाद’ के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी। यह सामाजिक संतुलन के लिए आवश्यक है।” इस बयान ने विपक्ष को सरकार पर अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभाव के आरोप लगाने का मौका दिया। जबकि बीजेपी ने इसे महिलाओं की सुरक्षा का मुद्दा बताया।