कोलकाता आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. संदीप घोष के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। सीबीआई बीते चार दिनों से संदीप घोष से पूछताछ कर रही थी। वहीं, अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर से दुष्कर्म-हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई शुरू हो गई। शीर्ष अदालत ने अस्पताल में तोड़फोड़ के मामले पर स्वत:संज्ञान लिया। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ में न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज ने पीड़िता की पहचान उजागर होने पर चिंता जाहिर की। साथ ही केस में पुलिस जांच से लेकर आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल संदीप घोष की भूमिका तक पर सवाल उठाए। कोर्ट ने इसमामले में आठ सदस्यीय टास्क फोर्स के गठन करने का निर्णय लिया है। जिसमें एम्स के निदेशक डॉ. एम श्रीनिवासन के अलावा कई और डॉक्टरों का नाम शामिल है।

सुप्रीम कोर्ट ने की अहम टिप्पणी
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि ये सिर्फ एक मर्डर का मामला नहीं है। महिलाएं सुरक्षा से वंचित हो रही हैं। आखिर ऐसे हालात में डॉक्टर कैसे काम करेंगे। हमने देखा है कि उनके लिए कई जगहों पर रेस्ट रूम तक नहीं होते।  सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ” अगर महिलाएं काम पर नहीं जा पा रही हैं और काम करने की स्थितियां सुरक्षित नहीं हैं तो हम उन्हें समानता से वंचित कर रहे हैं। ज्यादातर युवा चिकित्सक 36 घंटे काम करते हैं। हमें काम करने की सुरक्षित स्थितियां सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय प्रोटोकॉल बनाने की जरूरत है।” सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सीबीआई से 22 अगस्त तक स्टेटस रिपोर्ट भी तलब की। साथ ही सीबीआई को तीन महीने के अंदर जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंपने का भी आदेश दिया। वहीं, कोर्ट ने तीन हफ्ते के अंदर टास्क फोर्स से रिपोर्ट मांगी।

क्या है पूरा मामला?
गौरतलब है कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में 9 अगस्त की रात को ट्रेनी महिला डॉक्टर से दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। 10 अगस्त को शव मिला था। इसके बाद से डॉक्टर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके मामले कलकत्ता हाईकोर्ट ने बंगाल पुलिस से जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को स्थानांतरित कर दी है। इस वारदात के बाद देश भर में डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन जारी है। अस्पतालों में डॉक्टरों का हड़ताल चल रहा है।

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