आगरा में यमुना नदी का पानी स्वच्छ और निर्मल रहे। इसको लेकर यमुना नदी में सीधे गिरने वाले जहरीले नाले टैप किए जाएंगे। इस बारे में सुप्रीम कोर्ट कई बार आदेश दे चुका है। अब एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट ने आगरा में 43 नाले टैप करने के निर्देश दिए हैं। जिससे यमुना जल प्रदूषित होने से बचाया जा सके।

चार महीने से रुका काम
बता दें कि पर्यावरणविद एमसी मेहता की याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जिसमें में जल निगम को यमुना नदी में गिर रहे 38 छोटे और 5 बड़े नालों को यमुना में गिरने से रोकने के निर्देश दिए हैं। सुनवाई में जस्टिस अभय ओका और एजी मसीह की बेंच के इस निर्देश के बाद नालों को टैप करने की 136 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी मिलने की उम्मीद है। चार माह से नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (एनएमसीजी) में रुकी हुई है।

ये किए जाएंगे काम
राधा नगर, सेक्सरिया नाला, बेलनगंज पुलिस चौकी नाला, बेलनगंज काली माता मंदिर नला, न्यू राधा नगर नाला, आंबेडकर पार्क नाला, खैराती टोला नाला, गोकुल नगर, गणेश नगर, रामबाग, कटरा वजीर खां, चीनी का रोजा, सुर्वेदार नगर, दयानंद आश्रम, कछपुरा, प्रकाश नगर, नर्सरी मंदिर नाले को डायवर्ट और टैप कर एसटीपी पर ले जाया जाएगा। इसके लिए 3.563 किमी लंबी सीवर लाइन मनोहरपुर तक बिछाई जाएगी।  वहीं, वाटरवर्क्स नाला टैप करने के लिए 1.857 किमी लंबी 300-700 एमएम व्यास की सीवर लाइन, भैरों नाला पर 687 मीटर, नरायच में 2.782 किमी, कछपुरा में 2।821 किमी और एत्माददौला में 3.875 किमी लंबी सीवर लाइन बिछाकर नालों को टैप किया जाएगा।

राइजिंग मेन 15.53 किमी लंबी होगी
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर इन नालों की टैपिंग के लिए बनी योजना में बल्केश्वर, भैरों नाला, वाटरवर्क्स, मनोहरपुर, नरायच, एत्माददौला और प्रकाश नगर तक 15.53 किमी लंबी राइजिंग मेन बिछाई जानी है।  लगभग 21 किमी लंबी छोटी सीवर लाइन बिछेगी। 136 करोड़ रुपये की योजना में रजवाड़ा, नरायच, मनोहरपुर, एत्माददौला, भैरों नाला, वाटरवर्क्स और बल्केश्वर के पंपिंग स्टेशनों को भी अपग्रेड किया जाएगा।

जुलाई में ही भेजा था प्रोजेक्ट
जल निगम के अधिशासी अभियंता स्वतंत्र सिंह ने बताया कि आगरा के नालों की टैपिंग का प्रोजेक्ट यूपी सरकार से एनएमसीजी के पास जा चुका है। हमने जुलाई में ही पूरा प्रोजेक्ट तैयार करके शासन भेज दिया था। मंजूरी मिलने का इंतजार है।

अफसरों ने कोई कदम नहीं उठाया
पर्यावरणविद  डॉ। संजय कुलश्रेष्ठ ने आगरा में अफसरों और इंजीनियर्स की लापरवाही से यमुना नदी अब गंदे नाले में तब्दील हो गई है। अब तक इस लापरवाही के चलते 58 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है। इसके बाद भी नगर निगम, जल निगम ने कोई कदम नहीं उठाया। ऐसे ही हालात रहे तो 30 साल में नदी को पूरी तरह से खत्म हो जायेगी। पर्यावरणविद डॉ। शरद गुप्ता ने बताया कि यदि यमुना में नाले गिरने बंद हो जाएं तो कम से कम ताजमहल पर कीड़े नहीं आएंगे। दुर्गंध के कारण घाटों पर लोगों ने जाना बंद कर दिया था, वह फिर से शुरू हो जाएगा। अफसर अगर अब भी काम करें तो मरी हुई यमुना को फिर से जिंदा कर सकते हैं।

चार साल पहले लिए थे सैंपल
बता दें कि पर्यावरणविद एमसी मेहता ने चार साल पहले 6-7 फरवरी 2020 को नेशनल एनयावरमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिक डॉ. एसके गोयल के साथ आगरा आए थे। तब यमुना नदी के सैंपल भरवाए थे। तब आगरा के पर्यावरणविद डॉ. शरद गुप्ता के साथ मिलकर भैरों नाला और अन्य नालों के सैंपल लिए थे। उन दो दिनों में उन्होंने यमुना की कालिख को देखा था और ताज के पीछे दुर्गंध और सिल्ट को देखकर आपत्ति भी जताई थी।

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