उत्तराखंड के बदरीनाथ हाईवे पर बड़ा सड़क हादसा हो गया है। हादसे में बाबा के भक्तों से भरा एक टेम्पो ट्रैवलर वाहन अनियंत्रित होकर अलकनंदा नदी में जा गिरा है। जिससे अब तक करीब 12 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं हादसे में कई लोग घायल बताए जा रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार टेम्पो ट्रैवलर में करीब 23 यात्री सवार थे। हादसे के बाद मौके पर स्थानीय लोगों के साथ एसडीआरएफ, फायर विभाग, पुलिस प्रशासन, जिला आपदा प्रबंधन, डीडीआरएफ समेत अन्य टीमों ने मौके पर रेस्क्यू किया। ये भयंकर हादसा बद्रीनाथ हाईवे पर रौतेली के पास हुआ। जहां यात्रियों से भरा टेंपो ट्रेवलर अचानक नियंत्रण खो गया और नीचे लुढ़कते हुए अलकनंदा नदी में समा गया। घटना के बाद वहां अफरा-तफरी मच गई। लोग मदद के लिए चीख पुकार करने लगे। जिसके बाद वहां बड़ी संख्या में स्थानीय लोग इकट्ठा हो गए।

CM धामी ने हादसे की जांच के निर्देश दिए
वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धमी ने हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी को घटना की जांच के आदेश दिए हैं। रूद्रप्रयाग के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि शनिवार सुबह करीब 11 बजे हुए हादसे की जानकारी मिलने के बाद पुलिस, राज्य आपदा मोचन बल की टीमों ने मौके पर पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया था। उन्होंने बताया कि दुर्घटनाग्रस्त वाहन सड़क से लगभग 250 मीटर नीचे अलकनंदा नदी के किनारे पर जा गिरा था।

उत्तराखंड सीएम ने जाना घायलों का हाल
वहीं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी रुद्रप्रयाग हादसे के पीड़ितों से मिलने AIIMS ऋषिकेश पहुंचे। यहां पर सीएम धामी ने हादसे में घायल हुए लोगों का हालचाल जाना। इसके साथ ही सीएम धामी ने हादसे को लेकर मीडिया से बात करते हुए कहा-“घायलों का इलाज कराया जा रहा है और उनके परिवारजनों को सूचना दी जा रही है। अच्छे इलाज के सारे प्रबंध अस्पताल द्वारा किए गए हैं”

रुद्रप्रयाग हादसे पर पीएम मोदी ने जताया दुख
इस भयंकर हादसे को लेकर पीएम मोदी से लेकर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ तक ने भी दुख व्यक्त किया है। पीएम मोदी ने हादसे को लेकर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने एक्स पर लिखा, ”उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में हुआ सड़क हादसा हृदयविदारक है। इसमें अपने प्रियजनों को खोने वाले शोकाकुल परिजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं। इसके साथ ही मैं सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। राज्य सरकार की देखरेख में स्थानीय प्रशासन पीड़ितों की हरसंभव मदद में जुटा है।”


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