एक बार फिर पंजाब-हरियाणा के किसानों ने दिल्ली में डेरा जमाने की तैयारी में है. जिसको लेकर शासन-प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट पर है. 13 फरवरी को होने वाले किसानों के दिल्ली कूच से पहले ही पुलिस ने शंभू बॉर्डर को सील कर दिया है. साथ ही हरियाणा पुलिस ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए बाड़ेबंदी शुरू कर दी है. अबकी बार हाईवे पर बड़े-बड़े पत्थरों के साथ नुकीले तार भी सड़कों पर लगाए गए है. क्योंकि पिछली बार किसानों ने ट्रैक्टरों से पत्थरों को नदी में फेंक दिया था.

प्रशासन ने बढ़ाई चौकसी

हरियाणा-पंजाब के किसानों ने जिस तरह से सरकार के खिलाफ प्रदर्शन का बड़ा ऐलान किया है उसके बाद से पुलिस के साथ-साथ अब सेंट्रल पैरामिलिट्री फोर्स की भी 50 कंपनियां तैनात कर दी गई है. अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि कोई भी किसान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान न पहुंचाएं अन्यथा बड़ी कार्रवाई की जाएगी.

सोशल मीडिया पर निगरानी, इंटरनेट बंद

किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए सोशल मीडिया पर भी निगरानी बढ़ा दी गई है. दिल्ली कूच से पहले ही हरियाणा सरकार ने इंटरनेट बंद करने का आदेश जारी कर दिया है. जारी आदेश के मुताबिक हरियाणा राज्य के अंबाला, कुरूक्षेत्र, कैथल, जिंद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा जिलों के अधिकार क्षेत्र में वॉयस कॉल को छोड़कर, मोबाइल नेटवर्क पर प्रदान की जाने वाली मोबाइल इंटरनेट सेवाएं, सभी डोंगल सेवाएं आदि निलंबित है. बता दें कि हरियाणा सरकार का ये आदेश 11 फरवरी की सुबह 6 बजे से 13 फरवरी की रात 11:59 बजे तक लागू रहेगा.

दिल्ली कूच क्यों कर रहे किसान ?

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा ने MSP की गारंटी के लिए कानून बनाने समेत कई मांगों को लेकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए ये ऐलान किया है. ऐसा दावा है कि 13 फरवरी को 26 से ज्यादा किसान संघों के ‘दिल्ली चलो’ प्रदर्शन करने वाले है. जिसके लिए पुलिस-प्रशासन ने कमर कस ली है.

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