कुछ बनने का और देश के लिए कुछ करने का जज्बा तो हर एक में होता है लेकिन कुछ लोग ही होते हैं जो अपनी मेहनत और सच्ची लगन से केवल देश का ही नहीं अपने मां-बाप का सिर भी फख्र से ऊंचा कर पाते हैं. कामयाबी के शिखर पर पहुंचने वाले हर शख्स की संघर्ष की कहानी तो जरूर होती है मगर कुछ कहानियां ऐसी होती हैं जो आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणा और दुनिया के लिए मिसाल बन जाती हैं. आज हम ऐसी ही एक प्रेरणादायक कहानी का जिक्र करने जा रहे हैं जो कि क्रिकेटर ध्रुव जुरेल और उनके माता-पिता की संघर्ष की कहानी भी है.

फौजी के बेटे का टीम इंडिया में डेब्यू


बता दें राजकोट टेस्ट में टीम इंडिया की ओर से एक नहीं दो खिलाड़ियों का टेस्ट डेब्यू देखने को मिला. उन्हीं में से एक हैं ध्रुव जुरेल. जो कि भारत के लिए टेस्ट डेब्यू करने वाले 312वें खिलाड़ी भी है. विकेट कीपर बल्लेबाज ध्रुव जुरेल को तीसरे टेस्ट में केएस भरत की जगह मौका मिला है. दरअसल केएस भरत पहले दो टेस्ट में अपनी छाप छोड़ने में नाकाम रहे, जिसके बाद उन्हें राजकोट में खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच से बाहर कर दिया गया और ध्रुव जुरेल को मौका देकर दिनेश कार्तिक ने टेस्ट कैप दी. जानकारों की माने तो अगर ध्रुव राजकोट टेस्ट मैच में अपनी बेहतर छाप छोड़ते हैं तो उनके लिए आगे अवसर की झड़ी लग जायेगी क्योंकि राजकोट के बाद 2 और टेस्ट खेले जाने हैं. जिनमें उन्हें मौका मिल सकता है.

बेटे को आर्मी में देखने की थी पिता की ख्वाहिश

आगरा के 23 साल के क्रिकेटर ध्रुव जुरेल के पिता नेम सिंह भारतीय सेना में रहे और हवलदार पद से रिटायर हुए. नेम सिंह जी चाहते थे कि ध्रुव नेशनल डिफेंस अकादमी (एनडीए) में शामिल हों और देश की सेवा करें, लेकिन क्रिकेट के प्रति ध्रुव का जुनून उन्हें एक अलग दिशा में ले गया. हालांकि ध्रुव के परिवार में पहले कोई भी क्रिकेट नहीं खेलता था, लेकिन ध्रुव की प्रतिभा को जल्दी ही पहचान लिया गया और उनके पिता ने उनके कौशल को विकसित करने के लिए कोच परवेंद्र यादव की मदद मांगी. वहीं अपने बेटे की सफलता से नेम सिंह जी बहुत ही रोमांचित हैं. वो इसे एक सपने के सच होने के रूप में मानते हैं और ध्रुव का समर्थन करने वाले सभी लोगों के आभारी हैं.

बेटे के संघर्ष में मां का अहम योगदान

घर की आर्थिक स्तिथि ठीक ना होने के बाद भी ध्रुव के माता-पिता ने किसी भी मुश्किल को ध्रुव की कामयाबी के आड़े नहीं आने दिया.ध्रुव के लिए पहला क्रिकेट किट खरीदने के लिए उनकी मां ने अपनी एकमात्र सोने की चेन भी गिरवी रख दी थी लेकिन ध्रुव दृढ़ निश्चयी रहे और कड़ी मेहनत करते रहे। ध्रुव की इसी लगन और मेहनत का नतीजा आज पूरी दुनिया के सामने है.

ध्रुव जुरेल ने अब तक खेले कुल 15 मैच


ध्रुव जुरेल के पास ज्यादा मैचों का अनुभव नहीं है. उन्होंने केवल 15 मैच खेले है. जिनमें ध्रुव ने 790 रन बनाए हैं, जिसमें 1 शतक और 5 अर्धशतक शामिल हैं. इस दौरान विकेट के पीछे उन्होंने 2 स्टंप किए हैं. जबकि 34 कैच पकड़े हैं.

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