केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को सातवां और मोदी सरकार-3.0 का पहला बजट पेश कर दिया है। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए उन्होंने कुल 48 लाख 20 हजार करोड़ रुपये का बजट पेश किया है। उन्होंने रक्षा जरूरतों को देखते हुए वित्त वर्ष 2024-25 के लिए रक्षा मंत्रालय को सर्वाधिक 6,21,940 करोड़ रुपये आवंटित किए, जो पिछले साल के 5.94 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए रक्षा क्षेत्र का कुल बजट भारत सरकार के कुल बजट का 12.9 प्रतिशत है। मोदी सरकार में दूसरे नंबर पर रहने वाले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि घरेलू पूंजी खरीद के लिए 1,05,518 करोड़ रुपये का आवंटन रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को और गति प्रदान करेगा।मोदी सरकार में तीसरे नंबर पर रहने वाले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मंत्रालय को कुल 2,19,643.31 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिसमें 1,43,275.90 करोड़ रुपये का बड़ा हिस्सा सीआरपीएफ, बीएसएफ और सीआईएसएफ जैसे केंद्रीय पुलिस बलों के लिए चिह्नित है। वित्त वर्ष 2024-25 के अंतरिम बजट में गृह मंत्रालय को 2,02,868.70 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। बड़ी बात ये है कि राजनाथ सिंह के मंत्रालय को अमित शाह के गृह मंत्रालय से करीब तिगुना आवंटन मिला है।


OPS और 8वां वेतन आयोग गायब; फिर आंदोलन की राह पकड़ेंगे ‘बाबू’
बजट में पुरानी पेंशन बहाली, जिसके लिए विभिन्न केंद्रीय संगठन लंबे समय से आवाज उठा रहे थे, का जिक्र तक नहीं किया गया। इतना ही नहीं, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में आठवें वेतन आयोग के गठन को लेकर भी कोई घोषणा नहीं की। केंद्रीय बजट में सरकार का अपने कर्मचारियों के लिए सख्त संदेश है। बजट में ‘पुरानी पेंशन बहाली’, जिसके लिए विभिन्न केंद्रीय संगठन लंबे समय से आवाज उठा रहे थे, का जिक्र तक नहीं किया गया। इतना ही नहीं, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में ‘आठवें वेतन आयोग’ के गठन को लेकर भी कोई घोषणा नहीं की। एक तरह से वित्त मंत्री का सरकारी कर्मियों के लिए सख्त संदेश है कि उन्हें एनपीएस में ही रहना होगा। उन्होंने बजट भाषण के दौरान कहा, वे नेशनल पेंशन सिस्टम को लेकर सरकारी कर्मचारियों की चिंताओं से अवगत हैं। इस बाबत जल्द ही एक समाधान की घोषणा की जाएगी।

पीएम की सुरक्षा में नहीं होगी चूक, SPG के बजट में इजाफा
पीएम मोदी की सुरक्षा में कोई चूक न हो, इसके लिए केंद्रीय बजट में ‘एसपीजी’ की हिस्सेदारी बढ़ा दी गई है। 2023-24 के बजट में एसपीजी को 446.82 करोड़ रुपये मिले थे। इस बार 506.32 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप ‘एसपीजी’ को अब ज्यादा मजबूती प्रदान की जाएगी। पीएम की सुरक्षा में कोई चूक न हो, इसके लिए केंद्रीय बजट में ‘एसपीजी’ की हिस्सेदारी बढ़ा दी गई है। 2023-24 के बजट में एसपीजी को 446.82 करोड़ रुपये मिले थे। इस बार 506.32 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। इसके अलावा केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के बजट में भी वृद्धि की गई है। देश के दो बड़े केंद्रीय अर्धसैनिक बल सीआरपीएफ और बीएसएफ में नई बटालियन खड़ी होने की प्रक्रिया में तेजी आ सकती है। खुफिया तंत्र यानी आईबी के बजट में भी बढ़ोतरी की गई है। जहां 2023-24 के दौरान आईबी के लिए 3,268.94 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए थे, वहीं इस बजट में गुप्तचर ब्यूरो का बजट 3,823.83 करोड़ रुपये कर दिया गया है।

ब्रेस्ट और लंग कैंसर के प्रमुख दवाओं पर नहीं लगेगी कोई सीमा शुल्क
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में आगामी वित्तीय वर्ष के लिए पूर्ण बजट पेश किया। इस दौरान उन्होंने बड़ी घोषणा करते हुए ब्रेस्ट कैंसर और फेफड़ों के कैंसर प्रयोग होने वाली दवाओं के लिए कस्टम ड्यूटी में छूट की घोषणा की है। कैंसर की तीन प्रमुख दवाओं के लिए सीमा शुल्क में पूरी छूट की घोषणा की गई है। जानकारों का कहना है कि इससे मरीजों को बहुत मदद मिलेगी। जिन दवाओं को छूट मिली है उनमें ट्रैस्टुजुमैब डेरक्सटेकन, ओसिमर्टिनिब और डर्वालुमैब शामिल हैं जिनका प्रयोग कुछ प्रकार के कैंसर में लक्षित कैंसर थेरेपी के लिए किया जाता है। विशेषज्ञों के मुताबिक छूट के बाद इलाज की लागत में 20% तक की कमी आ सकती है।ट्रैस्टुजुमैब डेरक्सटेकन एक एंटीबॉडी -ड्रग कंजुगेट है जिसका उपयोग मुख्य रूप से HER2-पॉजिटिव स्तन कैंसर के इलाज के लिए किया जाता है जो शरीर के अन्य भागों (गों मेटास्टेटिक) में फैल गया हो। गैस्ट्रिक कैंसर जैसे अन्य प्रकार के कैंसर में उपयोग के लिए इस पर शोध किया जा रहा है। वहीं ओसिमर्टिनिब एक टारगेटेड थेरेपी है जिसका प्रयोग ईजीएफआर जीन में म्यूटेशन के साथ फेफड़ों के कैंसर (एनएससीएलसी) के इलाज के लिए किया जाता है। यह विशेष रूप से उन कैंसर के खिलाफ प्रभावी है जो ईजीएफआर अवरोधकों की पिछली पीढ़ियों के लिए प्रतिरोध विकसित कर चुके हैं। डर्वालुमैब एक इम्यूनोथेरेपी दवा है। इसका उपयोग फेफड़ों के कैंसर (एनएससीएलसी) और यूरोथेलियल कार्सिनोमा (मूत्राशय कैंसर) के इलाज के लिए किया जाता है।

तेलंगाना के सीएम रेड्डी ने केंद्रीय मंत्री से मांगा इस्तीफा
तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने राज्य के लिए कुछ भी एलान न किए जाने को लेकर निराश जताई और कहा कि आज का केंद्रीय बजट तेलंगाना के प्रति केंद्र के रवैये को दर्शाता है। वहीं उन्होंने राज्य के साथ नाइंसाफी का भी आरोप लगाया है। वहीं केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि यह बजट केवल ‘कुर्सी बचाओ’ बजट है। बजट केवल अपनी कुर्सी बचाने के लिए है। सीएम रेवंत रेड्डी ने कहा, केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी को तेलंगाना के साथ हुए अन्याय के बारे में जवाब देना चाहिए। उन्हें तेलंगाना के लोगों से माफी मांगनी चाहिए और मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना चाहिए।

बजट में राजस्थान का नाम तक नहीं, हीं ऐसा क्यों बोले अशोक गहलोत
बजट में राजस्थान की अनदेखी पर पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। गहलोत ने बजट को दिशाहीन और निराशाजनक बताया है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक कारणों से केंद्र सरकार ने केवल आंध्रप्रदेश और बिहार को ही पूरे देश का बजट सौंप दिया है। भौगोलिक एवं सामाजिक रूप से राजस्थान को विशेष पैकेज की आवश्यकता थी, लेकिन पूरे बजट में राजस्थान का नाम तक नहीं था।सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बयान जारी कर अशोक गहलोत ने कहा- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए बजट में राजस्थान को केवल निराशा हाथ लगी है। ऐसा लगा कि राजनीतिक कारणों से केंद्र सरकार ने केवल आंध्रप्रदेश एवं बिहार को ही पूरे देश का बजट सौंप दिया हो। भौगोलिक एवं सामाजिक रूप से हमारे राजस्थान को विशेष पैकेज की आवश्यकता थी, लेकिन पूरे बजट भाषण में राजस्थान का नाम तक नहीं आया। जबकि पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान तथाकथित डबल इंजन की सरकार से डबल विकास के भ्रामक दावे के बगैर प्रधानमंत्री का कोई भाषण समाप्त नहीं होता था।

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