New Delhi: आखिर कार लोकसभा सत्र के तीसरे दिन लोकसभा स्पीकर का चयन हो गया। बुधवार सुबह 11 बजे भाजपा सांसद ओम बिरला को ध्वनिमत से लोकसभा का दोबारा स्पीकर चुन लिया गया है। परंपरा के अनुसार, पीएम मोदी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी नए स्पीकर ओम बिरला को आसन तक लेकर गए। लोकसभा स्पीकर का चयन होते ही प्रोटेम स्पीकर भृतहरि महताब को जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया।

पीएम मोदी ने ओम बिरला को स्पीकर बनाने का प्रस्ताव रखा
इसके पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओम बिरला को लोकसभा का स्पीकर बनाए जाने का प्रस्ताव रखा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस प्रस्ताव का अनुमोदन किया। ललन सिंह ने भी ओम बिरला के नाम का प्रस्ताव रखा। डॉक्टर राजकुमार सांगवान ने इस प्रस्ताव का अनुमोदन किया। स्पीकर के लिए ओम बिरला के नाम का गृह मंत्री अमित शाह, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी, जाधव प्रतापराव गणपत राव, चिराग पासवान, एचडी कुमारस्वामी, के राममोहन नायडू, आईके सुब्बा, अनुप्रिया पटेल,शिवराज सिंह चौहान, नितिन गडकरी, सुनील तटकरे, जयंत वासुमातारी, लघुकृष्णा देवराई, फणीभूषण चौधरी, श्री किशन पाल ने ओम बिरला के नाम का प्रस्ताव किया।


के सुरेश के नाम का प्रस्ताव इन्होंने रखा
वहीं, अरविंद गणपति सावंत, सुप्रिया सुले, कनिमोझी ने स्पीकर के लिए केरल के कांग्रेस सांसद के सुरेश के नाम का प्रस्ताव रखा। जिसे विपक्षी सांसदों ने समर्थन दिया।


पीएम मोदी ने दी बधाई, कहा-कीर्तिमान गढ़ते रहेंगे
लोकसभा स्पीकर चुनाव होने के बाद पीएम मोदी ने लोकसभा में कहा कि ये सदन का सौभाग्य है कि आप दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष के पद पर विराजमान हुए हैं। आपको और इस पूरे सदन को मेरी तरफ से बहुत-बहुत बधाई देता हूं। इस पूरे सदन की तरफ से भी आपको अनेक-अनेक शुभकामनाएं। अमृतकाल के इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में दूसरी बार इस पद पर विराजमान होने से आपको बहुत बड़ा दायित्व मिल रहा है। आपके अनुभव और हमारे अनुभव से हमें विश्वास है कि आप हम सभी का मार्गदर्शन करेंगे। मुझे विश्वास है कि आप हर कदम पर नए कीर्तिमान गढ़ते रहेंगे। बलराम जाखड़ जी पहले ऐसे अध्यक्ष थे, जो लगातार दो बार अपना कार्यकाल पूरा कर पाए थे। उनके बाद अब आपको यह उपलब्धि मिली है।

दोबारा जीत कर रचा इतिहास
पीएम मोदी ने कहा कि, ज्यादातर स्पीकर या तो चुनाव नहीं लड़े हैं या जीतकर नहीं आए हैं। आप समझ सकते हैं कि स्पीकर का काम कितना मुश्किल है कि उनका जीतना मुश्किल हो जाता है। आपने दोबारा जीतकर नया इतिहास गढ़ा है। इस सदन के ज्यादातर सासंद आपसे परिचित हैं। पिछली बार मैंने आपके संबंध में काफी कुछ बातें रखीं थी। आज उन्हें दोहराऊंगा नहीं लेकिन आप जिस तरह से सांसद के रूप में काम करते हैं, वह जानने योग्य और सीखने योग्य हैं। युवा सांसद भी आपसे प्रेरणा लेंगे।

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