ऑनलाइन ठगी करके लोगों से पैसे हड़पने के मामले आपने खूब सुने होंगे। लेकिन क्या आप ये सोच भी सकते हैं कि स्टेट बैंक की नकली शाखा खोलकर कोई धोखाधड़ी कर सकता है। जी हां, सही पढ़ा आपने, यहां पर हम किसी फीचर फिल्म की बात नहीं कर रहे हैं बल्कि आरबीआई के नाम पर साफतौर पर धोखाधड़ी करने की असल कहानी बता रहे हैं।

RBI की शाखा खोल लोगों को दिया धोखा

छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले के मालखरौदा थाना अंतर्गत छपोरा ग्राम से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां पर स्टेट बैंक की नकली शाखा खुल गई और उच्च अधिकारियों को इसकी दूर दूर तक कोई जानकारी ही नहीं। मालखरौदा थाना प्रभारी राजेश पटेल ने कहा की छपोरा में सीबीआई बैंक के फर्जी शाखा खुलने की सूचना मिली जिसपर जांच की और मामला फर्जी निकला। जिसके बाद तीन आरोपियों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की गई हैं। जिसमें पंकज कुमार, रेखा साहू, मंधीर दास के खिलाफ जुर्म दर्ज किया गया है।

नकली बैंक में भर्ती किए कर्मचारी

अक्षय कुमार की ‘स्पेशल 26’ की तरह ही इस मामले में भी लोगों की फर्जी भर्ती की गई है। एसबीआई बैंक डभरा के ब्रांच मैनेजर और अधिकारी शेखर राज ने बताया कि शिकायत मिलने पर छपोरा पहुंचे थे, तो यहां देखा गया यहां अचानक एसबीआई की बैंक कैसे खुल गई। छपोरा में इस फर्जी बैंक द्वारा स्टेट बैंक का बड़ा बैनर लगाकर बैंक का सेट अप लगाया गया था, जब उनकी टीम मौके पर पहुंचे तो कथित बैंक मैनेजर फरार था। इस बैंक शाखा में 6 कर्मचारी उपस्थित थे जिन्होंने बताया कि पत्र एवम इंटरव्यू के माध्यम से उनकी ज्वाइनिंग करवाई गई। कर्मचारियों से भी 2 से 6 लाख रुपये तक का भुगतान कराया गया था।

कर्मचारी बोले ‘हम ट्रेनिंग पर हैं

जब छापेमारी हुई, तो मौजूद कर्मचारियों से पूछताछ की गई, जिसमे उन्होंने बताया कि छपोरा शाखा में एम्पलाई को ट्रेनिंग के लिए भेजा गया था, इसके बाद उन्हें यहां पर पोस्टिंग दी गई। बैंक अधिकारी ने कहा कि बैंक स्टार्ट न होने से ग्रामीण कई तरह के फ्रॉड से बच गए, समय रहते कार्रवाई होने से फ्राड नहीं कर पाए।

कैसे हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा?

अब बात करते हैं कि इस फर्जीवाड़े का पता कैसे चला, तो बता दें, जब ग्रामीण को पता चला कि उनके गांव में SBI की बैंक शाखा खुली है तो वह वहां पर खाता खुलवाने के लिए पहुंचे। ब्रांच में पहुंचने पर पूछा खाता खुलवाने के लिए क्या प्रोसेस है और क्या क्या डॉक्यूमेंट लगेगा। इस पर बैंक में मौजूद कर्मचारी सही जवाब न दे सके। वहीं बैंक कर्मचारियों ने जवाब दिया कि अभी सर्वर खराब है, बाद में चालू होगा। साथ ही ब्रांच कोड भी कहीं दिखाई नहीं दिया, और भी कई चीजों पर शक हुआ। जिसके बाद यहां छापेमारी हुई और फ्रॉड का पता चला।

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