आतिशी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के लिए किसी तारीख की मांग नहीं की। इसलिए दिल्ली के उपराज्यपाल ने नए मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण की तारीख 21 सितंबर प्रस्तावित की। आतिशी ने कहा कि वह अपने कैबिनेट मंत्रियों के नाम बाद में बताएंगी। यानी कैबिनेट पर अभी फैसला नहीं हुआ है और यह संभावना है कि वह अकेले ही शपथ लेंगे।
DELHI NEWS: दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) विनय कुमार सक्सेना ने बुधवार को अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा मंजूरी के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास भेज दिया। उन्होंने राष्ट्रपति को 21 सितंबर को नये मुख्यमंत्री आतिश के शपथ ग्रहण का प्रस्ताव भी भेजा। इधर, मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले अरविंद केजरीवाल अपना सरकारी आवास छोड़ेंगे। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने बुधवार को कहा कि हमने सुरक्षा कारणों को लेकर सरकारी आवास ना छोड़ने को कहा, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। एक दिन पहले 17 सितंबर को आप विधायक दल की बैठक में आतिशी को मुख्यमंत्री चुना गया था। जिसके बाद शाम को केजरीवाल ने एलजी विनय सक्सेना को अपना इस्तीफा सौंप दिया।
आतिशा किस दिन लेगी शपथ?
सूत्रों का कहना है कि आम आदमी पार्टी (आप) विधायक दल ने खुद नए मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह की तारीख प्रस्तावित नहीं की है। ऐसे में उपराज्यपाल ने राष्ट्रपति मुर्मू को पत्र भेजकर आतिशी के शपथ ग्रहण के लिए 21 सितंबर की तारीख का प्रस्ताव दिया है। अगर राष्ट्रपति इस प्रस्ताव पर सहमत होते हैं तो आतिशी शनिवार को शपथ लेंगी।
ये नाम दौड़ में शामिल हैं…
सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री मौजूदा कैबिनेट में बदलाव के पक्ष में नहीं हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि मौजूदा मंत्रियों को कैबिनेट में जगह मिल सकती है. वहीं अन्य दो सीटों के लिए कई विधायक दौड़ में हैं। दोनों सीटों की में एक सामान्य सीट है
इस सामान्य सीट पर सोमनाथ भारती, दुर्गेश पाठक, संजीव झा, दिलीप पांडे और महेंद्र गोयल मंत्री बनने की दौड़ में हैं।
26-27 सितंबर को विधानसभा सत्र, आतिशी बोलीं- केजरीवाल को मुख्यमंत्री बनाना है मकसद…
इसी दिन सुबह आप विधानसभा दल की बैठक में केजरीवाल ने आतिशी को मुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव रखा। जिसपर विधायक सहमत हो गये। मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद आतिशी ने कहा कि अगले चुनाव तक मेरे पास सिर्फ दो काम हैं। पहला- दिल्ली की जनता को बीजेपी की साजिशों से बचाना। दूसरा- केजरीवाल को दोबारा मुख्यमंत्री बनाएं।
इस्तीफे के बाद क्या करेंगे केजरीवाल?
केजरीवाल मुख्यमंत्री पद से भले ही हट गए हो, लेकिन वह आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय नेता बने रहेंगे। इस्तीफे के बाद उनका पूरा फोकस हरियाणा विधानसभा चुनाव पर होगा। वे पार्टी उम्मीदवारों के लिए फुल टाइम प्रचार कर सकेगे । बता दे कि कांग्रेस के साथ गठबंधन तय नहीं होने के बाद आप सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। केजरीवाल खुद हरियाणा के सिरसा जिले के सिवानी गांव के रहने वाले हैं। इसके बाद उनका फोकस झारखंड और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव पर रहेगा होगा। झारखंड में झामुमो के साथ चुनाव लड़ सकती है आप।