Delhi: दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर (IITF-24) में खान मंत्रालय के पवेलियन, स्थित हाल नंबर 4 में जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (GSI) द्वारा प्रदर्शित डायनासोर के अंडे दर्शकों के बीच खास आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।

डायनासोर के पैर और पूंछ बच्चों के लिए रोमांचक अनुभव
फिल्मों और किताबों में डायनासोर देखने वाले बच्चों के लिए यह एक रोमांचक अनुभव है। यहां उन्होंने न केवल वास्तविक डायनासोर के अंडे देखे, बल्कि डायनासोर के पैर और पूंछ की हड्डियां तथा अन्य अवशेष भी देखे। ये अंडे शाकाहारी और मांसाहारी डायनासोर दोनों के हैं, जो महाराष्ट्र के चंद्रपुर और गुजरात के खेड़ा जिले में खोजे गए हैं।

अंडे 6.5 करोड़ साल से भी अधिक पुराने
जीएसआई द्वारा प्रदर्शित ये अंडे 6.5 करोड़ साल से भी अधिक पुराने हैं। इन अंडों का वजन 5 से 10 किलो तक है और इनका व्यास लगभग 15 सेंटीमीटर है। इन अंडों का बाहरी आवरण दो स्तरीय है। जीएसआई के निदेशक डॉ. प्रवीर पंकज के अनुसार, भारत में भी डायनासोर पाए जाते थे, विशेषकर गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में। जीएसआई ने डायनासोर के अवशेषों पर व्यापक अनुसंधान किया है।

बहुमूल्य खनिज भी बच्चों को दर्शकों का ज्ञान बढ़ा रहा
स्टॉल पर डायनासोर के अलावा ग्रेफाइट, लिथियम और किम्बरलाइट जैसे खनिज भी प्रदर्शित किए गए हैं, जिससे बच्चों और अन्य दर्शकों का ज्ञान बढ़ रहा है। इसके साथ ही, डायनासोर के अवशेषों को धरती से निकालने की प्रक्रिया को मॉडल और प्रायोगिक विधि के जरिए भी समझाया जा रहा है।

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