
लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पेश, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू बोले-धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेगा बिल

विपक्ष की ओर से लोकसभा में उप नेता गौरव गोगोई ने चर्चा की शुरुआत की. उन्होंने आरोप लगाया कि अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने यूपीए सरकार को लेकर जो भी बातें कही वह पूरा का पूरा झूठ है. उन्होंने कहा कि यह बिल संविधान के मूल ढांचे पर आक्रमण है. मंत्री का पूरा भाषण संघीय ढांचे पर आक्रमण था. इनका उद्देश्य है भ्रम फैलाना, समाज को बांटना. आज ये अलसंख्याक के प्रति संवेदना जता रहे हैं. कुछ दिन पहले देश के अलग-अलग हिस्सों में लोगों ने ईद की शुभकामनाएं दी और इनकी डबल इंजन की सरकार ने लोगों को सड़क पर नमाज तक नहीं पढ़ने दिया.
पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि विपक्ष की ओर से कहा जा रहा है कि संशोधन होना भी चाहिए और नहीं भी होना चाहिए. दोनों तर्क एक साथ कैसे चलेंगे. मौलिक अधिकार में धारा 15 में लिखा हुआ है कि महिलाओं के साथ कोई विभेद नहीं होगा और उसे लेकर सरकार कानून बना सकती है. इसमें ये भी लिखा हुआ है कि सामाजिक रूप से पिछड़े लोगों के विकास के विकास के लिए सरकार कार्रवाई कर सकती है. जिस प्रदेश से आता हूं, वहां बहुत सारे पिछड़े मुसलमान हैं. उनको वक्फ के मैनेजमेंट में अवसर नहीं मिलता. यदि बिल में ये प्रावधान किया जा रहा है तो परेशानी क्यों है इनको.
यूपी के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव ने वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पर लोकसभा में चर्चा के दौरान कहा कि बड़ी आबादी के लिए एक और बिल आया है. उन्होंने रविशंकर प्रसाद की बहुत सी बातों से सहमति व्यक्त की और कहा कि जो एक्स कांग्रेस वाले हैं, वो ज्यादे बोल रहे हैं. जो बिल पेश हुआ है, उसको जितना समझ पा रहा हूं, मंत्री जी ने कहा कि उम्मीद है ये. हिंदी और अंग्रेजी में भी नहीं समझ पा रहा हूं कि उम्मीद है ये- यूनिफाइड वक्फ. ये बिल लाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बीजेपी में ये मुकाबला चल रहा है कि खराब हिंदू कौन बड़ा है. जो पार्टी ये कहती हो कि दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है, राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं चुन पाए अभी तक. उन्होंने कहा कि यह वक्फ बिल जो लाया गया है वह ध्रुवीकरण के लिए.
डीएमके के सांसद ए राजा ने कहा कि हिम्मत के साथ कहता हूं कि आप अपनी स्पीच के टेक्स्ट को जेपीसी की रिपोर्ट से मिलाइए. मैच कर जाएगा तो इस सदन की सदस्यता से इस्तीफा दे दूंगा. ये कहानी गढ़ रहे हैं कि संसद वक्फ बोर्ड को दी गई है होती. आज का दिन इस संसद के लिहाज से भी महत्वपूर्ण है कि सेक्युलर देश किस तरफ जाएगा. उन्होंने वक्फ बिल को असंवैधानिक बताते हुए तमिलनाडु विधानसभा से पारित प्रस्ताव का जिक्र करते हुए कहा कि राजनीतिक बिल इस सदन के माध्यम से पूरे देश पर थोपा जा रहा है.
जेडीयू सांसद और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने कहा कि ये नैरेटिव बनाने का प्रयास किया जा रहा है कि ये बिल मुसलमान विरोधी है. ये बिल कहीं से मुसलमान विरोधी नहीं है. वक्फ कोई मुस्लिम संस्था है क्या. वक्फ कोई धार्मिक संस्था नहीं, एक ट्रस्ट है जो मुसलमानों के कल्याण के लिए काम करता है. उस ट्रस्ट को ये अधिकार होना चाहिए कि वो सभी वर्गों के लोगों के साथ न्याय करे. जो नहीं हो रहा है. ये विनियामक है और प्रशासनिक निकाय है, जो मुसलमानों के हक के ले काम करता है. मोदी जी को कोस रहे हैं, उनका चेहरा पसंद नहीं आ रहै तो मत देखिए उनकी तरफ, 2013 में आपने जो पाप किया था, उसे समाप्त करके पारदर्शिता लाने का काम किया है. देश की जनता मोदी जी को पसंद करती है, इसलिए मोदीजी समाज के हर तबके के लिए काम करने का काम करते हैं.
शिवसेना (एकनाथ शिंदे) के सांसद श्रीकांत शिंदे ने कहा कि कुछ लोग कह रहे हैं कि इस बिल से समस्याएं बढ़ेंगी, लेकिन समस्याएं बढ़ेंगी जिन्होंने लूट मचा रखी थी. उन्होंने कहा कि ये बिल वक्फ की संपत्तियों को अवैध कब्जे से मुक्त कराने का संकल्प लेकर आ रहा है. उधर शिवसेना (यूबीटी) के सांसद अरविंद गणपत सावंत ने कहा कि अभी ईद के समय सौगात-ए-मोदी चल रहा था, आज सौगात-ए-बिल चल रहा है. हम भी आश्चर्य में थे कि आपको इतना प्यार आ गया. इस देश की आजादी के लिए जिन्होंने कुछ भी नहीं किया, दुर्भाग्य है कि आज सरकार चला रहे हैं. मुसलमानों ने भी आजादी के लिए कुर्बानी दी थी, अंडमान में रहे थे. बोर्ड में मुस्लिम अल्पसंख्यक हो जाएंगे.
यूपी के रामपुर से सपा सांसद मोहिबुल्लाह ने कहा कि देश में हर मजहब को फलने फूलने का मौका दिया गया है. आज ये जो बिल लाया गया है, वह एक कम्युनिटी के खिलाफ है. वक्फ के बुनियादी उसूलों से तब्दीलियों का कोई वास्ता नहीं है. वक्फ के उसूलों को खत्म न किया जाए. उन्होंने कहा कि 1913 का कानून इसी मकसद से लाया गया था कि वक्फ के उसूलों को कानूनी शक्ल दी जाए. इस बिल को ड्राफ्ट करने में कितने मुस्लिम थे, इस सवाल पर मुझे जवाब मिला था कि एक. संसद के सामने की मस्जिद में रहकर पूरे मुल्क के लिए दुआ करता हूं. हमारा देश सूफी, ऋषि-मुनियों का देश है. आप दुआ करने से रोक रहे हैं. मुसलमानों को भी अपने ईमान का सबूत देना होगा. वक्फ तो खत्म हो जाएगा. बोर्ड को पूरी तरह से सरकारी बनाया जा रहा है और इसका उदाहरण दिल्ली है.