Greater Noida: यमुना एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरीफेरल को जगनपुर इंटरचेंज पर जोड़ने की योजना में पेंच फंस गया है। इंटरचेंज बना रही एजेंसी ने नए दर की मांग की है, जबकि प्राधिकरण पांच साल पुरानी दरों पर ही काम कराने पर अड़ा है। जिसकी वजह से अभी तक इंटरचेंज का काम शुरू नहीं हो पाया है।
इंटरचेंज बनने से 20 किमी दूरी होगी कम
दरअसल, यमुना एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरीफेरल पर जाने के लिए दोनों एक्सप्रेसवे के वाहन चालकों को 15 से 20 किमी का चक्कर लगाना पड़ता है। इसे देखते हुए यमुना प्राधिकरण ने जगनपुर-अफजलपुर गांव के पास इंटरचेंज बनाने के लिए टेंडर 2019 में जारी किया था। लेकिन उस समय किसानों का मामला कोर्ट में अटका होने के कारण काम शुरू नहीं हो सका था। अब करीब 6 माह पहले इस इंटरचेंज का निर्माण शुरू कराने के लिए मुख्य सचिव ने शिलान्यास किया था।
6 महीने में चालू करने का किया था दावा
लेकिन टेंडर की दर और वर्तमान दर में काफी अंतर आ जाने के कारण करीब 22 करोड़ रुपये अधिक खर्च आ गया है। अब इसके निर्माण पर करीब 122 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। शिलान्यास के दौरान छह माह में इसे बनाकर चालू करते हुए नोएडा एयरपोर्ट में उड़ान से पूर्व ही इसे चालू करने का दावा किया गया था। प्राधिकरण अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही निर्माण एजेंसी के साथ वार्ता की जाएगी और यदि बात नहीं बनती है तो फिर से टेंडर जारी किया जाएगा। चूंकि निर्माण एजेंसी मिट्टी डालने के लिए 22 करोड़ रुपये की मांग कर रही है। इसके लिए अब जल्द ही बैठक करके निर्णय लिया जाएगा।
22 करोड़ रुपये मिट्टी डालने के लिए अतिरिक्त मांगा
बता दें कि इंटरचेंज बनाने वाली कंपनी ने मिट्टी डालने के लिए अतिरिक्त पैसा खर्च होने की मांग पिछले दिनों रखी थी, जिसके तहत 22 करोड़ रुपये के एस्टीमेट तैयार किया गया था। प्राधिकरण ने इस मांग को एनएचएआई को भेज दिया था। लेकिन अब एनएचएआई ने मानने से मना कर दिया है।