GREATER NOIDA: ग्रेटर नोएडा और ग्रेनो वेस्ट के लोगों के लिए गुड न्यूज है। पानी के बकाया बिलों को लेकर लंबे समय से चल रहे विवाद पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने ब्रेक लगा दिया है। 131 वीं बोर्ड बैठक में फैसला लिया गया है कि अपार्टमेंट ऑनर्स एसोसिएशन के गठन की तारीख से पानी का बिल एओए देगा, जबकि इससे पहले का बिल बिल्डरों को जमा करना होगा। ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट में 200 से ज्यादा सोसाइटी विकसित हो रही हैं। जिसमें से करीब 35 सोसाइटी के पानी के बिल को लेकर बिल्डर और एओए में लंबे समय से विवाद चल रहा था लेकिन अब बोर्ड ने मुहर लगाकर साफ कर दिया कि अपार्टमेंट ऑनर्स एसोसिएशन के गठन की तारीख से पानी का बिल एओए देगा, जबकि इससे पहले का बिल बिल्डरों को ही जमा करना होगा। इस फैसले के बाद प्राधिकरण को भी अब पानी का बकाया बिल लगभग 65 करोड़ मिलने में आसानी होगी.

435 करोड़ रुपये के कर्ज का बोझ होगा कम

जमीन अधिग्रहण, विकास कार्य समेत अन्य कार्यों के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने एनसीपीआरबी, बैंकों और नोएडा प्राधिकरण से कर्ज लिया हुआ है। जिसका किस्तों के भुगतान के साथ ही बकाया रकम का समय पूर्व भुगतान करने की कोशिश की जा रही है। लिहाजा प्राधिकरण ने 435 करोड़ रुपये के कर्ज को चुकाने का फैसला लिया है। वित्त विभाग ने भी इस प्रस्ताव पर बोर्ड ने मुहर लगा दी है। इस रकम में से लगभग 421 करोड़ रुपये HDFC बैंक और 14.50 करोड़ रुपये NCRPB का है।

33 सेक्टरों में गंगाजल की सप्लाई

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 85 गंगाजल परियोजना की प्रगति रिपोर्ट भी पेश की। जल विभाग के मुताबिक वर्तमान समय में 33 सेक्टरों में गंगाजल की आपूर्ति की जा रही है। जिसे अगस्त खत्म होने से पहले 39 सेक्टरों तक पहुंचाने की योजना है। पहले चरण में कुल 58 सेक्टरों में गंगाजल पहुंचाया जाएगा।

56 हजार हेक्टेयर एरिया में ग्रेनो फेस टू

ग्रेटर नोएडा के फेस टू का विस्तार करने का भी प्लान तैयार कर लिया गया है। फेस 2 को लगभग 40 हजार हेक्टेयर में बसाने की योजना है। बैठक में प्राधिकरण बोर्ड ने मास्टर प्लान 2041 को मंजूरी दे दी है। ग्रेटर नोएडा का पहला फेज 31733 हेक्टेयर का है। जिसके बाद ग्रेटर नोएडा लगभग 71 हजार हेक्टेयर का हो जाएगा।

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