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पहलगाम आतंकी हमले में फंडिंग का डर दिखाकर 23 तक रखा डिजिटल अरेस्ट, बीमा कंपनी की पूर्व निदेशक से 44 लाख ठगी

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Noida:नोएडा में एक डिजिटल अरेस्ट कर ठगी का मामला सामने आया है। इस बार तो जालसाजों ने ठगी करने का ऐसा तरीका अपनाया है, जिसे सुनकर लोग हैरान हैं। साइबर जालसाजों ने पहलगाम आतंकी हमले में फंडिंग और ड्रग्स तस्करी में शामिल बताकर बुजुर्ग महिला को 23 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा और 44 लाख रुपये हड़प लिए। शिकायत पर साइबर क्राइम थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

बीमा कंपनी की पूर्व निदेशक को ठगा
सेक्टर 41 निवासी 76 वर्षीय महिला ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि वह वह बीमा कंपनी के निदेशक के रूप में काम करती थीं। रिटायर्ड होने के बाद अब वह घर में अकेली रहती हैं। 18 जुलाई को नेहा नाम की एक युवती का फोन आया। उसने खुद को एयरटेल की कर्मचारी बताया और कहा कि आपके नाम से जुड़े मोबाइल नंबर का इस्तेमाल मुंबई में जुआ व ब्लैकमेलिंग में हो रहा है। आपको मुबंई पुलिस से क्लीयरेंस लेना होगा। इसके बाद क्राइम ब्रांच से एसीपी संजय सिंह ने कॉल किया गिरफ्तारी वारंट होने की जानकारी दी। इसके साथ ही फर्जी एसीपी ने कहा कि आपके नाम पार मुंबई में चार बैंक खाते हैं, जिनसे हवाला, ड्रग्स तस्करी से लेकर पहलगाम हमले के आतंकवादियों को फंडिंग की गई है। यह सुनते ही वृद्ध महिला डर गईं और फर्जी एसीपी के आदेश का पालन करने लगीं।

23 दिन में केवल दो बार घर से बाहर जाने दिया
पीड़िता ने बताया कि साइबर जालसाजों ने 20 जुलाई से 13 अगस्त तक डिजिटल अरेस्ट रखा और बताया कि उनके पास खातों में जितनी रकम है, उसकी जांच की जाएगी। अगर जांच में क्लीन चिट मिल गई तब रकम वापस कर दी जाएगी। इस दौरान जालसाजों ने वीडियो कॉल पर बनाए रखा और केवल दो बार घर से बाहर जाने की अनुमति दी। 8 बार में 44 लाख रुपये अलग-अलग खातों ट्रांसफर करा लिए। जब कई दिनों तक रकम वापस नहीं हुई तब ठगी का अहसास हुआ।

पैसे वापस मांगने पर संपर्क तोड़ा
महिला ने जब जालसाजों से रकम वापस करने के लिए कहा उन लोगों ने संपर्क तोड़ लिए। जालसाजों ने पंजाब व राजस्थान के एचडीएफसी, बैंक ऑफ इंडिया, आइडीएफसी बैंक खातों में पैसे को ट्रांसफर कराया। कुछ बैंक खाते मंजू जनरल स्टोर, आशापुरा टी स्टाल, वरिंदरपाल सिंह, मदन कुमार नाम के खाते थे। महिला ने एनसीआरपी पोर्टल पर शिकायत की है। एडीसीपी साइबर सेल शैव्या गोयल का कहना है कि उन खातों की जांच की जा रही है, जिनमें रकम ट्रांसफर की गई है।

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