पुष्पा फिल्म की तरह खैर लकड़ी की तस्करी, केले के पत्ते में छिपाकर 50 लाख की लकड़ी ला रहे दो तस्कर
- Nownoida editor1
- 12 Sep, 2025
Noida: पुष्पा फिल्म की तरह खैर लकड़ी की तस्करी करने वाले गिरोह का फेज-टू थाना पुलिस और सीआरटी (क्राइम रेस्पॉन्स टीम) ने मिलकर भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने मौके से दो तस्करों को गिरफ्तार किया है, जो बिहार से ट्रक के जरिए लकड़ी लाकर दिल्ली-एनसीआर में सप्लाई करते थे। ट्रक से बरामद लकड़ी की मात्रा 55 क्विंटल है, जिसकी कीमत बाजार में करीब 50 लाख रुपये आंकी गई है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान अलीगढ़ जिले के नगरिया जाहर निवासी रविंद्र और बिहार के मोतिहारी निवासी ताज खान के रूप में हुई है। पुलिस इनके अन्य साथियों की तलाश में जुटी हुई है।
केले के पत्तों से छिपाई गई थी लकड़ी
डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि पुलिस को पहले से सूचना मिली थी कि एक ट्रक में खैर की लकड़ी की बड़ी खेप लाई जा रही है। इसके बाद फेज-टू थाना पुलिस और सीआरटी टीम ने ककराला टी-प्वॉइंट पर चेकिंग अभियान चलाया। इस दौरान जब संदिग्ध ट्रक को रोका गया तो उसमें केले और उसके पत्ते लदे हुए दिखाई दिए। लेकिन गहन जांच में पत्तों और केले के बीच बड़ी मात्रा में खैर की लकड़ी बरामद हुई।
नकली रसीदों से बचते थे
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया कि वे बिहार के मधुबनी जिले से एनसीआर में केले की सप्लाई के बहाने लकड़ी लाते थे। इसके लिए केले की फर्जी रसीद तैयार की जाती थी। जब भी पुलिस या अन्य एजेंसियों की चेकिंग होती थी तो आरोपी केले की सप्लाई से जुड़े कागजात दिखाकर बच निकलते थे। बरामद लकड़ी दिल्ली और हरियाणा के विभिन्न बाजारों में बेची जानी थी।
पुलिस टीम को मिलेगा इनाम
डीसीपी का कहना है कि संभावना है कि यह तस्करी एक बड़े गिरोह द्वारा संगठित तरीके से की जा रही है। इस संबंध में पुलिस और जांच कर रही है। डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने खैर की लकड़ी की इतनी बड़ी खेप पकड़ने पर फेज-टू पुलिस और सीआरटी टीम की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस सफलता के लिए संबंधित टीम को 25 हजार रुपये का नकद इनाम दिया जाएगा।
क्यों होती है खैर की लकड़ी की तस्करी?
खैर की लकड़ी औषधीय और धार्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है। इसके अलावा खैर की लकड़ी का सबसे ज्यादा उपयोग कत्था बनाने में होता है, जो पान उद्योग की रीढ़ है। खैर की छाल में एंटीसेप्टिक और सूजन-रोधी गुण पाए जाते हैं। इसका प्रयोग मुंह के छाले, त्वचा रोग और घावों के उपचार में किया जाता है। इस लकड़ी से प्राकृतिक रंग तैयार किए जाते हैं और टिकाऊ फर्नीचर भी बनता है। खैर की लकड़ी को पवित्र माना जाता है। यज्ञ-हवन जैसे धार्मिक अनुष्ठानों में इसका विशेष प्रयोग होता है।
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