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चार फेज में 209.11 वर्ग किमी में बसेगा नया नोएडा, जल्द तय होगी जमीन अधिग्रहण के लिए मुआवजा दर

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Noida:  दादरी-नोएडा-गाजियाबाद विशेष निवेश क्षेत्र (डीएनजीआईआर) के तहत प्रस्तावित ‘नया नोएडा’ परियोजना को लेकर तैयारी तेज कर दी है। इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए 80 गांवों को अधिसूचित किया जा चुका है और अब जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी। सरकार से जारी नोटिफिकेशन के बाद अब इस क्षेत्र में किसी भी तरह का निर्माण कार्य करने के लिए नोएडा प्राधिकरण से अनुमति लेनी होगी। किसानों को मिलने वाले मुआवजे की दर तय करने के लिए अगले सप्ताह गौतमबुद्धनगर और बुलंदशहर जिलाधिकारियों के साथ प्राधिकरण की अहम बैठक होगी।

पहले चरण में 15 गांवों की जमीन अधिग्रहित होगी
नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डॉ. लोकेश एम ने कहा कि किसानों को उचित मुआवजा दिलाने के लिए मानक तय किए जाएंगे। इसके लिए एक सलाहकार कंपनी का चयन पहले ही किया जा चुका है। परियोजना की शुरुआत बुलंदशहर और ग्रेटर नोएडा से लगे गांवों से होगी। जोखाबाद और सांवली गांव से सबसे पहले जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी और यहीं अस्थायी कार्यालय भी बनाया जाएगा। पहले चरण में 15 गांवों की जमीन अधिग्रहित की जानी है, जिसमें लगभग 16 हजार किसान परिवार शामिल होंगे। केवल पहले फेज में ही 3165 हेक्टेयर जमीन ली जाएगी।

 209.11 वर्ग किलोमीटर में बसाने की योजना
नया नोएडा को करीब 209.11 वर्ग किलोमीटर यानी 20 हजार 911 हेक्टेयर क्षेत्र में बसाने की योजना है। मास्टर प्लान को चार चरणों में पूरा किया जाएगा। पहले चरण में 3165 हेक्टेयर, दूसरे चरण में 3798 हेक्टेयर, तीसरे चरण में 5908 हेक्टेयर और चौथे चरण में 8230 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। इस दौरान केवल पहले चरण में ही बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 8500 करोड़ रुपये से अधिक की आवश्यकता होगी। प्राधिकरण ने इसके लिए 1000 करोड़ रुपये आरक्षित भी कर दिए हैं। अनुमान है कि परियोजना में पहले चरण में 50 हजार करोड़ रुपये तक का निवेश आकर्षित होगा और करीब एक लाख लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। इस नए शहर की कुल आबादी छह लाख होने का अनुमान है, जिसमें से 3.5 लाख लोग बाहर से यहां आकर बसेंगे।

8 हजार हेक्टेयर जमीन औद्योगिक निवेश के लिए आरक्षित 
इस योजना में किसानों की जमीन लैंड पूलिंग पॉलिसी के तहत ली जाएगी। इसमें लगभग 8 हजार हेक्टेयर जमीन औद्योगिक निवेश के लिए आरक्षित की गई है। मास्टर प्लान के अनुसार 2477 हेक्टेयर जमीन आवासीय, 905 हेक्टेयर वाणिज्यिक, 1682 हेक्टेयर संस्थागत, 198 हेक्टेयर यूटिलिटी, 8811 हेक्टेयर औद्योगिक, 3173 हेक्टेयर हरित क्षेत्र और पार्क, 420 हेक्टेयर मनोरंजन, 150 हेक्टेयर जलाशय और 3282 हेक्टेयर यातायात व परिवहन के लिए प्रस्तावित है। नया नोएडा ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे और जीटी रोड से जुड़ा होगा। परियोजना के तहत तीन अर्ली बर्ड प्रोजेक्ट भी शामिल किए गए हैं, जिनमें ग्रेटर नोएडा में इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप, बोड़ाकी में मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब और दादरी में मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब प्रमुख हैं। इस पूरे विकास कार्य का लक्ष्य 2041 तक पूरा करने का है। नया नोएडा न केवल औद्योगिक और व्यावसायिक निवेश का बड़ा केंद्र बनेगा बल्कि लाखों लोगों के लिए रोजगार और आवास की नई संभावनाएं भी खोलेगा।



 चार चरणों में विकास

वर्षअधिग्रहित भूमि (हेक्टेयर)
2023 से 20273165
2027 से 20323798
2032 से 20375908
2037 से 20418230

निवेश और रोजगार 

  • प्रथम चरण में 8,500 करोड़ रुपये से अधिक की आवश्यकता होगी।

  • प्राधिकरण ने पहले ही 1000 करोड़ रुपये आरक्षित किए हैं।

  • अनुमानित 50 हजार करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित होने की संभावना है।

  • लगभग 1 लाख रोजगार प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सृजित होंगे।

  • कुल अनुमानित आबादी होगी 6 लाख, जिसमें से 3.5 लाख लोग बाहर से यहां बसेंगे।


नया नोएडा का लैंड यूज प्लान

वर्गभूमि (हेक्टेयर)
आवासीय2477
वाणिज्यिक905.97
संस्थागत (PSP)1682.15
सुविधाएं/यूटिलिटी198.85
औद्योगिक8811
ग्रीन पार्क/ओपन एरिया3173.94
रिक्रिएशनल420.60
जलाशय150.65
ट्रैफिक व परिवहन3282.59

तीन प्रमुख अर्ली बर्ड प्रोजेक्ट

  1. इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप, ग्रेटर नोएडा

  2. मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब, बोड़ाकी

  3. मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब, दादरी


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