स्पोर्ट्स सिटी प्रोजेक्ट के खरीदारों को सुप्रीम कोर्ट से राहत, 450 परिवारों की उम्मीदें जगीं
- Nownoida editor1
- 09 Oct, 2025
Noida: नोएडा सेक्टर-150 स्थित स्पोर्ट्स सिटी परियोजना में फंसे सैकड़ों फ्लैट खरीदारों के लिए सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत आई है। अदालत ने नोएडा प्राधिकरण को निर्देश दिया है कि वह छह आवासीय टावरों के लिए बिल्डर को कंडीशनल अधिभोग प्रमाणपत्र (ओसी) जारी करे। यह फैसला गोदरेज नेस्ट परियोजना में अपने घरों का इंतजार कर रहे करीब 450 परिवारों के लिए राहतभरी खबर है।
प्राधिकरण करेगा आदेश का पालन
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नोएडा प्राधिकरण ने 219वीं बोर्ड बैठक में इस विषय पर चर्चा की। अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी सतीश पाल ने बताया कि आदेश का विस्तृत अध्ययन किया जा रहा है। इसे आगामी बोर्ड बैठक में रखा जाएगा ताकि खरीदारों को जल्द राहत दी जा सके। बोर्ड की मंजूरी के बाद बिल्डर को कंडीशनल कंप्लीशन सर्टिफिकेट (सीसी) जारी किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह राहत केवल छह टावरों तक सीमित रहेगी, इसे स्पोर्ट्स सिटी की अन्य परियोजनाओं के लिए नज़ीर नहीं माना जाएगा।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर रोक
यह आदेश न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश और सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने ब्रिक राइज डेवलपर्स की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया। ब्रिक राइज, लोटस ग्रींस कंस्ट्रक्शंस के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम का हिस्सा है। कंपनी ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फरवरी 2025 के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें परियोजना में अनियमितताओं, देरी और बकाया भुगतान का हवाला देते हुए प्राधिकरण को ओसी जारी करने से रोक दिया गया था।
डेवलपर को पूरी करनी होंगी सभी सुविधाएं
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि प्राधिकरण जिन छह टावरों के आवेदन पर विचार कर रहा है, उन्हें कंडीशनल अधिभोग प्रमाणपत्र प्रदान किए जाएं। हालांकि, यह अनुमति चल रही विशेष अनुमति याचिकाओं और भविष्य के किसी भी न्यायिक आदेश के अधीन होगी। साथ ही अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि डेवलपर को स्पोर्ट्स सिटी के अंतर्गत वादा की गई सभी खेल और मनोरंजन सुविधाएं समय पर पूरी करनी होंगी। सभी निर्माण कार्य नोएडा प्राधिकरण के भवन उपनियमों के अनुरूप होने चाहिए। इस आदेश से जहां खरीदारों को अपने घरों की डिलीवरी की उम्मीद जगी है, वहीं प्राधिकरण और बिल्डर दोनों पर परियोजना को तय मानकों के अनुसार पूरा करने की जिम्मेदारी भी बढ़ गई है।
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