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नोएडा में जब नाले के लिए एसटीपी लग सकते हैं, तो शुद्ध पेयजल के लिए डब्ल्यूटीपी क्यों नहीं?

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Noida: शहर में शुद्ध पेयजल आपूर्ति को लेकर कंफेडरेशन ऑफ रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (कोनरवा) ने नोएडा प्राधिकरण से कड़ा सवाल पूछा है। संगठन ने कहा कि जब उच्चतम न्यायालय के आदेश पर नाले के पानी को शुद्ध करने के लिए छोटे-छोटे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) लगाए जा सकते हैं, तो वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (डब्ल्यूटीपी) क्यों नहीं लगाए जा सकते?


शुद्ध जल से रुकेगी लाखों लीटर पानी की बर्बादी

कोनरवा अध्यक्ष पी.एस. जैन ने कहा कि प्राधिकरण के गठन को 49 वर्ष हो चुके हैं, लेकिन अभी तक शहरवासियों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध नहीं कराया जा सका है। यह न केवल नागरिकों का मौलिक अधिकार है, बल्कि प्राधिकरण की नैतिक जिम्मेदारी भी है। जैन ने कहा कि अगर प्राधिकरण शुद्ध पेयजल की व्यवस्था कर देता है, तो लाखों लीटर पानी की बर्बादी रोकी जा सकती है। वर्तमान में आरओ वाटर सिस्टम के इस्तेमाल से हर घर में 60 से 70 प्रतिशत तक पानी व्यर्थ जाता है, जिसका कोई उपयोग नहीं होता। उन्होंने बताया कि गंगाजल में ट्यूबवेल या रेनीवेल का पानी मिलाने से गंगाजल भी दूषित हो जाता है, जिसे पीने से पहले दोबारा ट्रीट करना पड़ता है। इस प्रकार गंगाजल की भी बर्बादी हो रही है। इसका समाधान यह है कि हर जलाशय या रिजर्व टैंक पर छोटे वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर गंगाजल में ट्रीटेड पानी मिलाया जाए।


सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अनदेखी

कोनरवा अध्यक्ष ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने 25 वर्ष पहले ही 100 प्रतिशत शुद्ध पेयजल आपूर्ति के निर्देश दिए थे। कोर्ट ने दो वर्षों के भीतर उपयुक्त क्षमता वाले डब्ल्यूटीपी लगाने को कहा था, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। पर्याप्त संसाधन और तकनीक होने के बावजूद प्राधिकरण निष्क्रिय है, जिससे नागरिकों को आज भी अनट्रीटेड यानी दूषित पानी पीने को मजबूर होना पड़ रहा है


दूषित जल से 250 लोग बीमार

ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित दिव्या टावर सोसाइटी में दूषित पानी पीने से बीमारों की संख्या 250 से अधिक हो गई है। इनमें अधिकतर बच्चे और बुजुर्ग शामिल हैं फिलहाल गंगाजल की आपूर्ति बंद है और ट्यूबवेल या बोरवेल के पानी से आपूर्ति की जा रही है, जो पूरी तरह अस्वच्छ और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है कोनरवा ने मांग की है कि प्राधिकरण तुरंत कदम उठाकर हर सेक्टर और सोसाइटी में छोटे डब्ल्यूटीपी स्थापित करे, ताकि शहरवासियों को सुरक्षित और शुद्ध पेयजल मिल सके।

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