एनजीटी ने वायु प्रदूषण को लेकर नोएडा प्राधिकरण को भेजा नोटिस, जानिए किस बात को लेकर दायर की गई है याचिका
- Nownoida editor2
- 16 Oct, 2025
Noida: राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने नोएडा के एक निवासी द्वारा दायर याचिका पर नोएडा प्राधिकरण और अन्य सरकारी निकायों को नोटिस जारी किया है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि स्थानीय सरकारी निकायों की लापरवाही के कारण बड़े पैमाने पर हो रही खुदाई से गंभीर धूल प्रदूषण हो रहा है, जिससे नागरिकों का जीवन प्रभावित हो रहा है.
अमित गुप्ता ने दायर की है याचिका
अधिकरण ने नोएडा प्राधिकरण और मामले से जुड़ी अन्य एजेंसियों को अगली सुनवाई
से पहले अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. याचिका में, शहर के सेक्टर 77 निवासी अमित गुप्ता ने शिकायत दर्ज कराई है कि नोएडा
प्राधिकरण केबल बिछाने, पाइप मरम्मत और
ऑप्टिकल फाइबर कार्य, गैस लाइन कार्य
और नोएडा में विभिन्न अन्य निर्माण गतिविधियों से संबंधित विभिन्न कार्यों को करते
समय पर्यावरण मानदंडों का पालन नहीं कर रहा है.
नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने मंगलवार को इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा
कि ये निराधार हैं. 10 अगस्त, 2025 को एनजीटी ने मामले की सुनवाई की और मंगलवार को इसका आदेश
आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया.
सुनवाई से एक हफ्ता पहले हलफनामा
न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव और विशेषज्ञ सदस्य डॉ. ए. सेंथिल वेल द्वारा
दिए गए आदेश में कहा गया है.
"प्रतिवादियों को अगली सुनवाई की तारीख से कम से कम एक सप्ताह पहले हलफनामे
के माध्यम से अपना जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किया जाता है. आवेदक को निर्देश दिया जाता है कि वह प्रतिवादियों को नोटिस जारी करे और
अगली सुनवाई की तारीख से कम से कम एक सप्ताह पहले हलफनामा दाखिल करे.
हरित अधिकरण इस मामले की अगली सुनवाई 24 दिसंबर को करेगा
आवेदक ने आगे कहा है कि उपरोक्त गतिविधियों के बाद, पूर्ण मरम्मत कार्य नहीं किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप उस क्षेत्र में वायु प्रदूषण होता है. इस दलील के समर्थन में, उन्होंने संलग्नक A-4 के पृष्ठ 64 से आगे की तस्वीरों का हवाला दिया है. उन्होंने इस दलील के समर्थन में पृष्ठ 65
और 73 पर दी गई तस्वीरों का भी हवाला दिया है कि इस प्रक्रिया में
हरित क्षेत्र को नुकसान पहुंचा है और उन्होंने CPCB (केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) द्वारा 25.07.2025
को भेजे गए पत्र का हवाला देते हुए इस
संबंध में आवेदक की शिकायतों को UPPCB (उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) को भेज दिया है.
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